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धमतरी, 12 मई (हि.स.)।कृषि उपज मंडी श्यामतराई में इन दिनों रबी फसल की कटाई के बाद धान की बंपर आवक हो रही है। प्रतिदिन यहां चार से पांच हजार कट्टा धान पहुंच रहा है। धान की उपज की सही कीमत नहीं मिलने से किसान निराश हैं। किसानों का कहना है कि मंडी में धान का रेट निश्चित रहना चाहिए।
रबी फसल की कटाई जैसे-जैसे तेजी के साथ हो रही है, उसी के हिसाब से मंडी में भी धान की आवक भी बढ़ रही है। इन दिनों मंडी में चार से पांच हजार कट्टा तक धान पहुंच रहा है। मंडी में पहुंचने वाला धान धमतरी जिले के अलावा समीपवर्ती जिला बालोद के गांव का भी है। मंडी में आई आर 64, एचएमटी धान, सरोना के साथ-साथ धान की अन्य किस्म भी आ रही है। धान से मंडी के शेड भरे हुए हैं।
मंडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंडी में आईआर 64 धान की कीमत 1850 रुपये प्रति क्विंटल से लेकर 1901 रुपये प्रति क्विंटल है। इसी तरह से, सांभा धान 2280 रुपये प्रति क्विंटल से लेकर 2400 रुपये प्रति क्विंटल, गोल्डन सांभा 2250 रुपये प्रति क्विंटल, ओमश्री 2300 रुपये प्रति क्विंटल से लेकर 2451 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से बिक रहा है। आने वाले दिनों में धान की आवक बढ़ेगी।
ग्राम बेलतरा के किसान पंकज साहू, अछोटा के हिंछाराम साहू, भटगांव के धीरेंद्र कुमार देवांगन, श्यामतराई के ओज कुमार साहू ने बताया कि उन्हें मंडी में धान की उपज का सही भाव नहीं मिल रहा है। धान में जरा सी भी नमी नहीं मिल रही है, तो उसी का बहाना लेकर धान का रेट भी कम कर दिया जा रहा है। ऐसा नहीं होना चाहिए, क्योंकि धान की उत्पादन लागत काफी बढ़ चुकी है। सोरिद के समय लाल, अंजोरी साहू ने कहा कि कि समय पर पेमेंट नहीं होने के कारण कई बार कोचियों के पास भी धान बेंचना पड़ता है, क्योंकि भुगतान तुरंत हो जाता है। भुगतान की प्रक्रिया को भी सरल बनाया जाना चाहिए।
नहीं मिल रहा धान का सही रेट:कृषि उपज मंडी के एक कर्मचारी ने बताया कि कृषि उपज मंडी में जो धान पहुंच रहा है, वह पूरी तरह साफ नहीं हुआ है। सीधे हार्वेस्टर, थ्रेशर मशीन से धान की सफाई कर मंडी में धान लाया जा रहा है। इसके चलते धान में नमी की मात्रा बनी हुई है। इसी तरह धान के साथ मिट्टी भी पहुंच रहा है। पहले परंपरागत तरीके से ब्यारा में धान को पहुंचा कर इसकी सफाई की जाती थी। उड़ावनी पंखे से धान की सफाई होती थी। इससे सही क्वालिटी का धान अलग हो जाता था। आजकल ऐसा न कर किसान खेत में ही हार्वेस्टर मशीन से फसल की कटाई कर करवाते हैं, और धान भरकर मंडी तक पहुंचा देते हैं। धान की क्वालिटी सही ना होने के कारण किसानों को उपज का सही भाव नहीं मिल पा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा