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बीकानेर, 30 अप्रैल (हि.स.)। 538वें नगर स्थापना दिवस और आखातीज के मौके पर बीकानेर में पतंगबाजी का उत्सव पूरे शबाब पर रहा। सुबह से ही शहर की छतों पर युवाओं, बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की चहल-पहल शुरू हो गई थी। चारों ओर “बॉय काट्या” की गूंज और आसमान में रंग-बिरंगी पतंगों की उड़ान ने माहौल को रंगीन बना दिया। तेज गर्मी और लू भी शहरवासियों के इस जोश को कम नहीं कर पाया। हालांकि, इस जश्न के बीच चायनीज मांझे ने शहर में कहर बरपा दिया।
पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में बुधवार को 20 से अधिक लोग घायल अवस्था में पहुंचे, जिनमें से 7 की हालत गंभीर पाई गई। अस्पताल प्रभारी डॉ. कपिल के अनुसार अधिकतर घायलों के गले पर गहरे कट लगे हैं, जिनमें बीछवाल निवासी लालूराम, यूपी निवासी धीरज, और 21 वर्षीय राजाराम, 25 वर्षीय पवन, 20 वर्षीय सलमान और 23 वर्षीय पुनीत शामिल हैं। घायलों का तुरंत इलाज शुरू कर दिया गया, गंभीर मामलों में ऑपरेशन और टांके भी लगाने पड़े। डॉक्टरों ने बताया कि गर्दन पर गहरा कट जानलेवा भी हो सकता है, हालांकि फिलहाल सभी की स्थिति स्थिर है। हर साल पतंगबाजी के इस पर्व पर चायनीज मांझा लोगों की जान के लिए खतरा बनता जा रहा है। हैरान करने वाली बात है कि रोक के बावजूद चायनीज मांझे की बिक्री कही न कही प्रशासन के दावों की पोल खोल दी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव