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जयपुर, 30 अप्रैल (हि.स.)। अक्षय तृतीया के अबूझ सावे पर जयपुर जिले में सैंकडों जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। इस अवसर पर शहर भर में शादियों की धूम रहीं। कई समाजों ने सामूहिक विवाह सम्मेलन के आयोजन भी किए। जिसमें सैकड़ों नव जोड़े विवाह परिणय सूत्र में बंधे। इसी के साथ एकल विवाह के भी कई आयोजन संपन्न हुए। एकल विवाह में राजधानी के दर्जनों भर प्रमुख होटल, बैंक्वेट हॉल, सामुदायिक केन्द्र और मैरिज गार्डन में रौनक रही। शाम को बारात के कारण कई जगह कुछ देर के लिए जाम लग गया। विवाह के अलावा नूतन गृह प्रवेश, यज्ञोपवीत संस्कार भी हुए। अबूझ मुहूर्त होने के कारण अन्य मांगलिक आयोजन भी जमकर हुए।
बाजारों में रहा खरीदारी पर जोर
अक्षय तृतीया पर पारिजात, गजकेसरी, केदार, काहल, हर्ष, उभयचरी और वाशी नाम के सात राजयोग, सर्वार्थसिद्धि, शोभन और रवियोग सहित 10 महायोग होने से बाजारों में जमकर खरीदारी हुई। लोगों ने अपनी क्षमता के अनुसार सोना-चांदी के आभूषण खरीदे।
अक्षय तृतीया को खरीदारी के साथ दान-पुण्य पर बहुत जोर रहा। सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है, जो समृद्धि का प्रतीक है। सोना और चांदी को धन-धान्य की देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इस दिन इनकी खरीदारी को स्थायी धन और सौभाग्य की प्राप्ति के रूप में देखा जाता है। हिंदू धर्म में सोने को सबसे पवित्र और अक्षय माना गया है। इसे देवताओं की धातु माना जाता है। इसीलिए अक्षय तृतीया पर सोने की खरीदारी की परंपरा है। पद्म पुराण के मुताबिक, इस तिथि पर कुबेर को देवताओं का खजांची बनाया गया था। अक्षय तृतीया को लक्ष्मी पूजा भी गई। मान्यता है कि शुभ स्थिति बनने से हर तरह की खरीदारी और नई शुरुआत लंबे समय तक फायदा देने वाली रहेगी। स्कन्द पुराण के अनुसार, अक्षय तृतीया पर खरीदा गया सोना समृद्धि देने वाला होता है। इसी तरह धनतेरस, रथ सप्तमी, गुरु पुष्य और रवि पुष्य योग भी सोना खरीदने का विशेष मुहूर्त है।
बाल विवाह पर कड़ी नजर
अक्षय तृतीया के अबूझ सावे पर बाल विवाह को रोकने के लिए इस बार भी प्रशासन ने कड़ी तैयारी है। इस संबंध में प्रशासन की ओर से जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए गए। इसके तहत प्रदेशभर की स्कूलों में बच्चों की अनुपस्थिति को गंभीरता से लिया गया है। उनके बाल विवाह होने की दिशा में संबंधित शिक्षक एवं प्रधानाचार्य को नोटिस जारी किया जाएगा। अभिभावकों के साथ ही बाल विवाह में सहयोग करने वाले पंडित, नाई, टेंट हाउस, हलवाई सहित अन्य व्यावस्थाओं के लिए आने वाले लोगों पर भी कार्रवाई करने के आदेश दिए गए है। बाल विवाह को रोकने के लिए विशेष मॉनिटरिंग भी की जा रही है। इसके लिए कलेक्ट्रेट में मुख्य नियंत्रण कक्ष से विशेष नम्बर भी जारी कर दिए गए हैं। इसके अलावा चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 एवं पुलिस के 100 नम्बर पर भी बाल विवाह की सूचना देने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
बरातो के बीच फंसा नजर आया जयपुर
आखातीज के अबूझ सावे पर गुलाबी नगरी शादियों की धूम नजर आई। वहीं राजधानी की सड़को पर निकली बराते यातायात व्यवस्था को जाम कर दिया। सड़क पर बारात और वाहनों की रेलमपेल के बीच रास्ते में ही वाहन पार्क करने से यातायात पर ब्रेक लग गया। जिन मुख्य सड़कों पर विवाह स्थल हैं, वहां जाम में काफी देर तक वाहन चालक फंसे नजर आए। शहर के सभी विवाह स्थल शादी के लिए बुक होने से जाम के हालात शहर के बाहरी क्षेत्रों में भी देखने को मिली। शहर में करीब हजारों की संख्या की शादियां हो रही है । शाम होने के साथ ही सड़कों पर बारात निकाले जाने से रास्ते बंद हो गए । ऐसे में यातायात की रफ्तार भी धीमी होती नजर आई । इसके बाद तो जगह-जगह जाम के हालात बने। अजमेर रोड, टोंक रोड, न्यू सांगानेर रोड, कालवाड़ रोड, मानसरोवर, त्रिमूर्ति सर्किल, मोती डूंगरी रोड, हवा सड़क, स्वेज फार्म, सोडाला, वैशाली नगर, खातीपुरा, निर्माण नगर,खासा कोठी, बनीपार्क, शास्त्री नगर, विधाधर नगर,सहित अधिकांश इलाकों में जाम की स्थिति बनी रही। यातायात पुलिस ने जाम की स्थिति को देखते हुए प्रमुख चौराहों और क्षेत्रों को चिह्नित कर पुलिसकर्मी तैनात किए है। वहीं यातायात कर्मी व्यवस्था संभालते दिखे ही साथ ही थानों की पुलिस को भी अपने-अपने क्षेत्र में जाम की स्थिति से निपटते देखा गया।
19 जोड़े बंधे परिणय सूत्र में,भव्य रुप से निकाली गई सामूहिक बारात
श्री बद्रीनाथ सेवा समिति एवं श्री निहालेश्वर युवा समिति,श्री बजरंग नवयुवक सेवा समिति,भानगढ,श्रीश्याम सेवा ग्रुप के संयुक्त तत्वावधान में अक्षय तृतीया के अबूझ सावे पर सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें 19 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। इस सामूहिम विवाहर सम्मेलन में 10 नवविवाहित जोड़े जयपुर से और 9 जोड़े बाहर के शामिल किए गए।
संस्था क अध्यक्ष महेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि अक्षय तृतीय के पावन अवसर पर 19 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। इसी सामूहिक विवाहर सम्मेलन में भिण्डों का रास्ता,खजाने वालों का रास्ता से बारात निकाली गई जो इन्दिरा बाजार होती हुई गोकुल निवास जयक्लब के पास पहुंची। इस सामूहिक विवाह सम्मेलन में नवविवाहित दुल्हन को दहेज में फ्रीज,कूलर,वॉशिग मशीन,सिलाई मशीन, सोने का टीका,नाक की लोंग,कॉनों के टॉप्स,चांदी का मंगलसूत्र,दुल्हन के वस्त्र,स्टील के 21 बर्तन,और दुल्हे को सफारी सूट और चांदी की अंगूठी दी गई।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश