राज्य के छह जिलों में भूजल स्तर चार मीटर तक बढ़ा : जल संसाधन मंत्री
अटल भूजल योजना’ के अंतर्गत पहले चरण में गुजरात के 6 जिलों की 36 तहसीलों की 1873 ग्राम पंचायतों का चयन अहमदाबाद, 28 अप्रैल (हि.स.)। जल संसाधन मंत्री कुंवरजी बावळिया ने कहा कि ‘अटल भूजल योजना’ के कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप राज्य सरकार को गुजरात में
अटल भूजल याेजना


अटल भूजल योजना’ के अंतर्गत पहले चरण में गुजरात के 6 जिलों की 36 तहसीलों की 1873 ग्राम पंचायतों का चयन

अहमदाबाद, 28 अप्रैल (हि.स.)। जल संसाधन मंत्री कुंवरजी बावळिया ने कहा कि ‘अटल भूजल योजना’ के कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप राज्य सरकार को गुजरात में चयनित 6 जिलों की 36 तहसीलों के कुछ क्षेत्रों में भूजल स्तर को चार मीटर और उससे भी अधिक बढ़ाने में सफलता मिली है। यह सब मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के निरंतर मार्गदर्शन और जल संचयन के लिए जनभागीदारी के संयुक्त प्रयासों से यह संभव हुआ है।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुशासन दिवस के अवसर पर 25 दिसंबर 2019 को ‘अटल भूजल योजना’ की शुरुआत की थी। जिसका उद्देश्य पहले चरण में गुजरात सहित देश के 7 राज्यों में भूमिगत जल स्तर की गिरावट को रोकना और भूजल स्तर को ऊंचा उठाना था। राज्य और केंद्र सरकार ‘जल ही जीवन है’ मंत्र को चरितार्थ करने के लिए सदैव प्रयासरत हैं।

गुजरात के जनसंर्पक ‍विभाग के मुताबिक जल संसाधन मंत्री बावळिया ने बताया कि अटल भूजल योजना के तहत चयनित क्षेत्रों में पानी की मांग को घटाने और आपूर्ति में वृद्धि के लिए शुरू किए गए प्रयासों के अंतर्गत भूजल स्तर में काफी बदलाव हुए हैं। इसके लिए अध्ययन के साथ-साथ भूजल स्तर और गुणवत्ता की निगरानी के लिए 6 चयनित जिलों के 3060 स्टेशन पर समय-समय पर निगरानी की जाती है। भूजल योजना के तहत चयनित क्षेत्रों में विश्लेषण के पात्र 441 मॉनिटरिंग स्टेशनों में 310 ग्राम पंचायतें शामिल हैं। जिनमें से 28 तहसीलों की 1511 ग्राम पंचायतों में से 130 ग्राम पंचायतों के 195 स्टेशनों में वर्ष 2015 से 2023 तक के प्री और पोस्ट मानसून के औसत जल स्तर की तुलना में वर्ष 2024 में प्री और पोस्ट मानसून का जल स्तर बढ़ गया है।

उन्होंने बताया कि प्री-मानसून के आंकड़ों पर नजर डालें तो इन 195 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 60 स्टेशनों में जल स्तर चार मीटर से अधिक बढ़ गया है, जबकि 54 स्टेशनों में जल स्तर 2 से 4 मीटर तक और 79 स्टेशनों में 2 मीटर तक ऊंचा उठा है। वहीं पोस्ट मानसून की बात करें तो 73 स्टेशनों में जल स्तर चार मीटर से अधिक, 49 स्टेशनों में दो से चार मीटर तक और 71 स्टेशनों में 2 मीटर तक बढ़ा है। इस योजना की अवधि पांच वर्ष यानी 2020-21 से 2024-25 निर्धारित की गई थी, जिसे एक और वर्ष 2025-26 तक बढ़ा दिया गया है। भूजल में वृद्धि करने के मंत्र के साथ अप्रैल-2020 से शुरू पायलट प्रोजेक्ट के पहले चरण में गुजरात में बनासकांठा, गांधीनगर, कच्छ, मेहसाणा, पाटण और साबरकांठा सहित 6 जिलों की 36 तहसीलों की 1873 ग्राम पंचायतों में यह योजना लागू की गई है।

जल संसाधन राज्य मंत्री मुकेश पटेल ने कहा कि इस योजना का मुख्य ध्येय जनसमुदाय के सहयोग से भूजल संसाधनों के सशक्तिकरण को बढ़ावा देना और भूजल क्षेत्र में सुधार का वातावरण सृजित करना है। अटल भूजल योजना के अंतर्गत 1873 ग्राम पंचायतों की ग्राम पंचायत समितियों में गांव की भौगोलिक स्थिति के अनुरूप जल सुरक्षा योजना (डब्ल्यूएसपी) की नीति अपनाई जा रही है। इसके तहत राज्य में अलग-अलग विभागों द्वारा पानी की मांग कम करने के लिेए ड्रिप स्प्रिंकलर आदि और आपूर्ति बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए चेकडैम और तालाबों को गहरा करना, तालाब की गाद निकालना, कुओं को रिचार्ज करना और वाटर शेड आदि कार्य किए जा रहे हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय