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रांची, 27 अप्रैल (हि.स.)। राजधानी रांची में बन रहे डोरंडा सिरमटोली फ्लाईओवर रैंप का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पुलिस और सुरक्षाबलों की उपस्थिति में फिर से सिरमटोली केंद्रीय सरना स्थल के पास रैंप बनाने का काम शुरू किया गया। इस बीच रविवार को केंद्रीय सरना स्थल बचाओ संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आदिवासी संगठनों ने रांची में प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला फूंका।
रांची में जयपाल सिंह स्टेडियम से आक्रोश मार्च के रूप में बड़ी संख्या में जनजातीय समाज से जुड़े स्त्री-पुरुष नारेबाजी करते हुए अल्बर्ट एक्का चौक पहुंचे। आक्रोशित लोग सर्जना चौक की ओर जाना चाहते थे लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे जाने से रोक दिया। इसके बाद आक्रोशितों ने हेमंत सोरेन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उनका पुतला फूंका।
प्रदर्शन और पुतला दहन कार्यक्रम में शामिल नेताओं ने हेमंत सोरेन पर आदिवासी समुदाय के धार्मिक आस्था के स्थान से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आज पूरे राज्य में मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया गया है। अगर सिरमटोली में फ्लाईओवर रैंप बनाने का काम तत्काल बंद नहीं हुआ तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
विभिन्न आदिवासी और सामाजिक संगठनों के मुख्यमंत्री का पुतला फूंकने की घोषणा के मद्देनजर रांची पुलिस की ओर से अल्बर्ट एक्का चौक पर सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की गई थी, जिससे अल्बर्ट एक्का चौक का नजारा पुलिस छावनी जैसा था।
आक्रोश मार्च के दौरान युवा प्रदर्शनकारी सड़क पर ही बैठ गए। इस दौरान पुलिस के साथ हल्की नोकझोंक भी हुई। प्रदर्शन में भाजपा की नेता आरती कुजूर, गंगोत्री कुजूर, पूर्व शिक्षामंत्री और कांग्रेस नेता गीताश्री उरांव, प्रेमशाही मुंडा सहित बड़ी संख्या में आदिवासी नेता मौजूद थे।
वहीं दूसरी ओर सिरमटोली रैंप निर्माण स्थल के पास भी काम में कोई बाधा न हो, इसके लिए सिटी एसपी, डीएसपी, मजिस्ट्रेट के साथ-साथ बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती सिरमटोली में की गई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे