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नैनीताल, 24 अप्रैल (हि.स.)। हाई कोर्ट ने हल्द्वानी के वनभूलपुरा में हुई हिंसा के मुख्यारोपित अब्दुल मलिक और उसके बेटे अब्दुल मोईद सहित 19 लोगों की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद कोई राहत नहीं देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए पांच मई की तिथि नियत की है। अब्दुल मलिक को राजकीय भूमि को खुर्द-बुर्द करने के मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है जबकि हिंसा फैलाने के मामले में उनकी और अन्य आरोपितों की अभी तक जमानत नहीं हुई है।
वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार अब्दुल मलिक सहित अन्य के खिलाफ वनभूलपुरा हिंसा के समय चार मुकदमें दर्ज हुए थे। इसमें से एक मामला यह भी था कि मलिक ने कूटरचित, झूठे शपथपत्र के आधार पर राजकीय भूमि को हड़पने का कार्य किया। उनके द्वारा नजूल भूमि पर कब्जा करके प्लॉटिंग और अवैध निर्माण करके उसे बेचा गया। राज्य सरकार की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि वनभूलपुरा हिंसा की शुरुआत यहीं से हुई थी। जब प्रशासन इस अतिक्रमण को हटाने गया तो उन पर पथराव किया गया। बाद में इसने हिंसा का रूप ले लिया। इसी हिंसा में सरकारी कर्मचारी, पुलिसकर्मी सहित अन्य लोग घायल हो गए। कई लोगों की जान तक चली गई। हिंसा से संबंधित मामलों में इनकी जमानत नहीं हुई है। ऐसे में इनकी जमानत निरस्त की जाए। वहीं आरोपियों का कहना था कि उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया गया है। एफआईआर में उनका नाम नहीं है। पुलिस ने उन्हें जबरन इस मामले में फंसाया है। इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए। उन्होंने कहा कि हिंसा में शामिल कई लोगों को कोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / लता