Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
शिमला, 23 अप्रैल (हि.स.)। ग्रामीण विकास विभाग और भारतीय हिमालयी क्षेत्र में कार्यरत स्वयं सेवी संस्था वेस्ट वॉरियर्ज सोसायटी (डब्ल्यूडब्ल्यूएस) ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन लागू करने के लिए आज एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह की उपस्थिति में इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह साझेदारी हिमाचल प्रदेश में स्वच्छ और स्वस्थ गांवों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे पूर्व, विभाग ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड, दाड़लाघाट, अल्ट्राटेक सीमेंट्स लिमिटेड और हीलिंग हिमालया फाउंडेशन के साथ भी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता ज्ञापन एक बहुआयामी दृष्टिकोण के माध्यम से ग्रामीण समुदायों के अपशिष्ट प्रबंधन की चुनौतियों से निपटने के लिए एक व्यापक रणनीति की रूपरेखा तैयार करता है।
अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि स्वच्छ और सतत ग्रामीण हिमाचल प्रदेश के सपने को साकार करने के लिए यह सहयोग महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वेस्ट वॉरियर्ज की विशेषज्ञता और विभाग की पहुंच एवं संसाधनों के सहयोग से इस दिशा में स्थायी व सकारात्मक बदलाव लाने के लिए आश्वस्त हैं।
सचिव ग्रामीण विकास विभाग राजेश शर्मा ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग और डब्ल्यूडब्ल्यूएस (एनजीओ) के बीच यह रणनीतिक साझेदारी ग्रामीण हिमाचल प्रदेश को स्वच्छ, हरित और स्वस्थ बनाने क लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
निदेशक ग्रामीण विकास राघव शर्मा ने कहा कि समुदाय के नेतृत्व वाले अपशिष्ट प्रबंधन, एक्सपोजर यात्राओं और ग्राम पंचायतों की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से यह पहल स्थानीय समुदायों को अपने पर्यावरण की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित करेगी।
वेस्ट वॉरियर्ज सोसायटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विशाल कुमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के गांवों में टिकाऊ अपशिष्ट प्रबंधन में अपने अनुभव को लाने के लिए सोसायटी ग्रामीण विकास विभाग के साथ साझेदारी करके उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य अपने अनुभव के माध्यम से समुदायों को अपने कचरे का स्वामित्व लेने और सभी के लिए एक स्वच्छ, स्वस्थ वातावरण का निर्माण करना है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला