Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
प्रयागराज, 21 अप्रैल (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेसर्स गौरिसंस मेगा प्रोजेक्ट से यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा 1,13,88,69,300 रुपये ट्रांसफर फीस के वसूली नोटिस को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है।
कोर्ट ने कहा कि यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को फीस तय करने का रेग्यूलेशन बनाने का कानूनी अधिकार है, लेकिन उसे वह राज्य सरकार के अनुमोदन के बिना लागू नहीं कर सकता।
प्राधिकरण ने राज्य सरकार का अनुमोदन लिए बगैर याची कम्पनी को ट्रांसफर फीस जमा करने का निर्देश दिया है, जिसका उसे अधिकार नहीं था। कोर्ट ने बिना भुगतान लिए याची को अनापत्ति प्रमाणपत्र देने का प्राधिकरण को निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ ने मेसर्स गौरिसंस मेगा प्रोजेक्ट की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। नोएडा के सेक्टर 129 में 25 मिलियन वर्गमीटर क्षेत्र में कॉमर्शियल एम्यूजमेंट औद्योगिक एवं रिहायशी भूमि विकास के लिए ताज एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण अब यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण व जेपी इन्फ्राटेक अब जय प्रकाश एसोसिएट्स के बीच करार हुआ था। जय प्रकाश एसोसिएट्स ने याची को जमीन ट्रांसफर की, जिस पर प्राधिकरण ने ट्रांसफर फीस की मांग की थी। याचिका में इसकी वैधता को चुनौती दी गई थी।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे