धमतरी नगर निगम ने किसान की जमीन पर बना दिया नाला, शिकायत के बाद स्टे
धमतरी, 21 अप्रैल (हि.स.)।नगर निगम द्वारा शासकीय भूमि की बजाय एक किसान की खेत में नाला बना दिया गया है। पीड़ित किसान ने जब न्यायालय का दरवाजा खटखटाया तब जाकर उसे स्टे मिला। अब नगर निगम दूसरी ओर से नाला निर्माण कराने और संबंधित इंजीनियर पर कार्रवाई की
ऋृण पुस्तिका की कापी दिखाता हुआ किसान


धमतरी, 21 अप्रैल (हि.स.)।नगर निगम द्वारा शासकीय भूमि की बजाय एक किसान की खेत में नाला बना दिया गया है। पीड़ित किसान ने जब न्यायालय का दरवाजा खटखटाया तब जाकर उसे स्टे मिला। अब नगर निगम दूसरी ओर से नाला निर्माण कराने और संबंधित इंजीनियर पर कार्रवाई की बात कह रहा है।जानकारी के अनुसार सिवरेज प्लांट में पानी ले जाने के लिए सोरिद में नगर निगम द्वारा नाला बनाया जा रहा है। जिसमें बड़ी लापरवाही सामने आई है। निगम ने किसान के खेत में ही नाला बना दिया है। किसान को जानकारी मिलने पर उसने पटवारी के माध्यम से स्टे लगाया। इसकी जानकारी होने पर निगम आयुक्त ने संबंधित पर जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है।

लगभग छह करोड़ की लागत से एसएलआरएम सेंटर से पीजी कालेज गेट तक 1175 मीटर नाला निर्माण किया जा रहा है। यह नाला आगे कनेक्ट होकर सिवरेज प्लांट तक पहुंचेगा। इस नाला में शहर के गंदे पानी को प्लांट तक पहुंचाकर शुद्ध किया जाएगा। वर्तमान में जो नाला का निर्माण किया जा रहा है उसमें नगर निगम की बड़ी लापरवाही सामने आई है। इसमें किसान की जमीन पर ही नाला का निर्माण कर दिया गया। किसान को जानकारी होने पर उसने पटवारी के माध्यम से स्टे लगवाया। अब निगम का कहना है कि रूट को बदलकर दूसरी ओर से नाला निर्माण किया जाएगा। अब भी बड़ी बात यह है कि सड़क के ऊपर से नाला का निर्माण किए जाने की बात हो रही है। यह सड़क लगभग एक साल पहले बनायी गयी थी। इससे स्पष्ट है कि दोनों तरफ से शासन को नुकसान हुआ है। बड़ा सवाल यह है कि क्या ले आउट तैयार करते समय इंजीनियर को निजी जमीन की जानकारी नहीं थी या फिर मामला कुछ और है?

इस मामले में सोरिद निवासी किसान जगदीश राम ध्रुव ने बताया कि बिना अनुमति के उसकी जमीन पर नगर निगम ने नाला निर्माण कर दिया है। जिसकी उसे जानकारी ही नहीं थी। उसके लगभग 11 डिसमिल जमीन में यह नाला का निर्माण हुआ है। जानकारी होने के बाद कलेक्टोरेट में आवेदन देने के बाद पटवारी से बात कराई गई। तब जाकर निर्माण में रोक लगी। इसमें नगर निगम की बड़ी गलती है। अब जो रोड है उसके ऊपर नाला बनाया जा रहा है। मेरी जमीन के नुकसान के लिए निगम जिम्मेदार है। यदि निगम उनकी जमीन से निर्माण हटा लेते हैं तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।

नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष दीपक सोनकर ने कहा कि इस नाला का जब निरीक्षण किया गया तो पता चला कि किसान की जमीन में नाला निर्माण कर दिया गया है। शासकीय काम के पहले ले आउट तैयार किया जाता है। जिसमें शासकीय और निजी जमीन का पता चल जाता है। इसमें कार्रवाई होनी चाहिए। इस संबंध में नगर निगम आयुक्त प्रिया गोयल ने बताया कि एसएलआरएम सेंटर से पीजी कालेज रोड तक 1175 मीटर नाला निर्माण किया जा रहा है। जिसमें जानकारी मिली है कि कुछ हिस्सा किसान की जमीन में भी आ गया है। इसकी जांच करवाई जाएगी। संबंधित इंजीनियर को नोटिस जारी करने कहा गया है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। किसान की जमीन के नाला के हिस्से को तोड़कर दूसरी ओर से निर्माण किया जाएगा

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा