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मुंबई, 21 अप्रैल (हि.सं.)। मुंबई में भारी बारिश के दौरान बाढ़ की स्थिति निर्माण न हो इसके लिए जोर-शोर से नदी व नालों की सफाई की जा रही है। इसके लिए संबंधित ठेकेदारों को मानसून से पहले सफाई कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। हर नाले की सफाई का फोटोग्राफ व 30 सेकेंड का वीडियो मुंबई मनपा की वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य किया गया है। ठेकेदारों के काम का विश्लेषण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) प्रणाली की मदद से किया जाएगा।
मनपा आयुक्त भूषण गगरानी ने मुंबई महानगर क्षेत्र में नालों की सफाई का काम निर्धारित समय के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए हैं. हर नाले से कचरा निकालने की प्रक्रिया के फोटोग्राफ और वीडियो पब्लिक डोमेन में उपलब्ध होंगे. मुंबई के रहिवासी बीएमसी की वेबसाइट 'https://swd.mcgm.gov.in/wms2025' पर प्रतिदिन अपडेट की गई तस्वीरें और वीडियो देख सकते हैं कि उनके क्षेत्र में नालों की सफाई हो रही है या नहीं। सफाई के काम पर सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से नजर ऱखी जा रही है। कचरा ढोने वाले वाहनों पर भी कड़ी नजर ऱखी जा रही है। हर साल नालों की सफाई तीन चरणों में की जाती है। इस वर्ष अप्रैल और मई महीने में 80 प्रतिशत कचरा निकाला जाएगा। शेष 10 प्रतिशत मानसून में और शेष 10 प्रतिशत कचरा मानसून के बाद निकाला जाएगा।
मुंबई महानगरपालिका ने छोटे और बड़े नालों की सफाई के लिए निविदा प्रक्रिया के माध्यम से शहर और उपनगरों के लिए 23 ठेकेदारों का चयन किया है। छोटे नालों की सफाई के लिए कार्यादेश 19 मार्च 2025 को और बड़े नालों सफाई के लिए कार्यादेश 22 मार्च 2025 को जारी किए गए थे। मार्च महीने के आखिर से नालों की सफाई चल रही है। मीठी नदी की भी सफाई की जा रही है। सफाई कार्य में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इस वर्ष अनुबंधों में सख्त नियम व शर्तें शामिल की गई हैं। नालों से कचरा निकालकर उसे भरने से पहले और बाद की तस्वीरें प्रस्तुत करना अनिवार्य किया गया है। अब प्रत्येक कार्य के लिए 30 सेकेंड का वीडियो फुटेज प्रस्तुत करना भी अनिवार्य किया गया है। इन सभी फुटेज की जांच में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम का उपयोग किया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार