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नई दिल्ली, 15 अप्रैल (हि.स.)। महंगाई के मोर्चे पर जनता को राहत बड़ी राहत देने वाली खबर है। थोक महंगाई के बाद खुदरा महंगाई दर भी सालाना आधार पर मार्च में घटकर करीब छह साल के निचले स्तर 3.34 फीसदी पर आ गई है। इससे पहले अगस्त, 2019 में यह 3.28 फीसदी के स्तर पर रही थी।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने मंगलवार को जारी आंकड़ों में बताया कि सब्जियों तथा प्रोटीन वाले उत्पादों की कीमतों में गिरावट के कारण उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महंगाई दर मार्च में मामूली रूप से घटकर करीब छह साल के निचले स्तर 3.34 फीसदी पर आ गई है। आंकड़ों के मुताबिक खाद्य महंगाई मार्च महीने में 2.67 फीसदी रही, जबकि फरवरी में यह 3.75 फीसदी और मार्च, 2024 में 8.52 फीसदी थी। ग्रामीण महंगाई 3.79 फीसदी से घटकर 3.25 फीसदी और शहरी महंगाई 3.32 फीसदी से बढ़कर 3.43 फीसदी हो गई है। महंगाई के बास्केट में लगभग 50 फीसदी योगदान खाने-पीने की चीजों का होता है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने पिछले हफ्ते नीतिगत दर रेपो रेट को 0.25 फीसदी घटाकर छह फीसदी कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए खुदरा महंगाई दर चार फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। आरबीआई ने पहली तिमाही में इसके 3.6 फीसदी, दूसरी तिमाही में 3.9 फीसदी, तीसरी तिमाही 3.8 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया है, जबकि जोखिम दोनों ओर समान रूप से संतुलित हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर