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कोलकाता, 26 मार्च (हि.स.) । हावड़ा के शिबपुर इलाके में कचरा फेंके जाने को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। बुधवार को जब कचरा लेकर नगर निगम के वाहन आड़ुपाड़ा पहुंचे, तो स्थानीय लोगों ने रास्ता रोक दिया। स्थिति को संभालने के लिए भारी पुलिस बल को तैनात करना पड़ा और अंततः नगर निगम को काम रोकना पड़ा। इस पूरे घटनाक्रम के बाद आपातकालीन बैठक बुलाई गई।
राज्य के नगर विकास मंत्री फिरहाद हकीम की अध्यक्षता में हुई बैठक में पहले तय हुआ था कि हावड़ा का कचरा शिबपुर के आड़ुपाड़ा इलाके में फेंका जाएगा। लेकिन इस फैसले का विरोध होने के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या मंत्री मनोज तिवारी की ‘आपत्ति’ के कारण कचरा यहां नहीं फेंका जा सका? इस विवाद ने एक बार फिर हावड़ा नगर प्रशासन के प्रमुख सुजॉय चक्रवर्ती और मनोज तिवारी के बीच टकराव की अटकलों को हवा दे दी है।
हावड़ा के बेलगछिया डंपिंग ग्राउंड में फिलहाल कचरा नहीं डाला जाएगा, यह निर्णय पहले ही लिया जा चुका था। इसी को लेकर मंगलवार को हावड़ा नगर प्रशासन के चेयरमैन सुजॉय चक्रवर्ती और फिरहाद हकीम के बीच बैठक हुई थी, जिसमें मनोज तिवारी भी मौजूद थे। तिवारी के करीबी सूत्रों के अनुसार, उन्होंने स्थानीय लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए आड़ुपाड़ा में कचरा निस्तारण का विरोध किया था। इसके साथ ही उन्होंने पांच अन्य स्थानों का विकल्प भी सुझाया था। बावजूद इसके आड़ुपाड़ा को ही अस्थायी डंपिंग ग्राउंड क्यों बनाया गया, इस पर तिवारी के समर्थकों ने सवाल उठाया है।
सुजॉय चक्रवर्ती ने बु़धवार शाम कहा, फिरहाद हकीम ने मंगलवार को बैठक में मनोज तिवारी से चर्चा के बाद ही आड़ुपाड़ा में अस्थायी डंपिंग ग्राउंड बनाने का निर्देश दिया था। इस मुद्दे पर मनोज तिवारी से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। हालांकि, उनके करीबी सूत्रों के मुताबिक, जिस इलाके में कचरा डालने का निर्णय हुआ था, वहां घनी आबादी है और हाल ही में एक हिंदी कॉलेज भी खुला है। इस वजह से मनोज तिवारी ने इसका विरोध किया था।
बुधवार को जब आड़ुपाड़ा में कचरा लेकर वाहन पहुंचे, तो स्थानीय लोगों ने रास्ता जाम कर दिया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती करनी पड़ी और अंततः नगर निगम को कचरा डालने का काम रोकना पड़ा। इसके बाद हुई आपात बैठक में तय किया गया कि फिलहाल हावड़ा का कचरा कोलकाता नगर निगम के डंपिंग ग्राउंड में फेंका जाएगा।
इस घटनाक्रम के बाद एक बार फिर मनोज तिवारी और सुजॉय चक्रवर्ती के बीच मतभेद की बातें सामने आ रही हैं। दोनों के बीच पहले भी कई बार विवाद हो चुका है।
क्रिकेटर से राजनेता बने मनोज तिवारी 2021 में पहली बार शिबपुर सीट से विधायक बने और खेल राज्यमंत्री बनाए गए। वहीं, उसी साल सुजॉय चक्रवर्ती हावड़ा नगर निगम के कमिश्नर बने। मनोज के समर्थकों का आरोप है कि सुजॉय नगर निगम के फैसलों में मनोज को शामिल नहीं करते और अपने स्तर पर ही योजनाओं की घोषणा कर देते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर