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गांधीनगर, 26 मार्च (हि.स.)। केन्द्र सरकार के वर्ष 2030 तक देश में 500 गीगावाट ग्रीन एनर्जी के उत्पादन में गुजरात 100 गीगावाट का योगदान देगा। देश के वर्ष 2070 तक जीरो कार्बन के लक्ष्य को हासिल करने में गुजरात में वर्ष 2047 तक जीरो कार्बन का लक्ष्य तय कर काम किया जा रहा है। ऊर्जा एवं पेट्रोकेमिकल्स विभाग की वर्ष 2025-26 के बजट मांगों पर चर्चा के दौरान ऊर्जा मंत्री कनूभाई देसाई ने यह जानकारी विधानसभा में दी।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि समग्र विश्व आज ग्लोबल वॉर्मिंग और क्लाइमेट चेंज के विपरीत असर का सामना करने को विवश है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समग्र विश्व के कल्याण के लिए कोयला जैसे प्रदूषण करने वाले ईंधन के उपयोग को कम करने और भविष्य की बिजली की जरूरत को पूरा करने के लिए ग्रीन एनर्जी से ग्रीन ग्रोथ पर बल दिया है। मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने वर्ष 2030 तक 500 गीगावा ग्रीन एनर्जी उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए गुजरात करीब 100 गीगावाट क्षमता का ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट स्थापित करने की प्रतिबद्ध है। वहीं देश में वर्ष 2070 तक जीरो कार्बन हासिल करने की दिशा में प्रयास जारी है, गुजरात ने भी वर्ष 2047 तक जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य तय किया है।
मंत्री देसाई ने बताया कि देश में स्थापित 48,588 मेगावाट क्षमता के विंड पावर प्रोजेक्ट की तुलना में गुजरात में करीब 12584 मेगावाट क्षमता के प्रोजेक्ट कार्यरत हैं। यह देश में स्थापित विंड पावर प्रोजेक्ट का करीब 26 फीसदी है, जो कि देश में पहले क्रमांक पर है। इसी तरह गुजरात में स्थापित सोलर प्रोजेक्ट की उत्पादन क्षमता 18,125 मेगावाट है, जो कि देश में स्थापित सोलर प्रोजेक्ट का करीब 18 फीसदी है। राज्य में स्थापित रिन्यूएबल एनर्जी (नवीकरणीय ऊर्जा) प्रोजेक्ट की कुल क्षमता 32,924 मेगावाट है जो कि देश की कुल स्थापित प्रोजेक्ट क्षमता 2,14,677 मेगावाट की तुलना में 15 फीसदी है।
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से मिशन ग्रीन हाइड्रोजन के तहत वर्ष 2030 तक भारत में 5 मिलियन मेट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य है, जिसमें गुजरात का बड़ा योगदान रहेगा। केन्द्र सरकार के सूर्य घर योजना का जिक्र करते हुए कनू देसाई ने कहा कि देश में 1 करोड़ घरों में रूफ टॉप स्थापित करने के लक्ष्य में गुजरात में 3 लाख से अधिक घरों में रूफ टॉप स्थापित किए जा चुके हैं, जो कि देश का 40 फीसदी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय