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नई दिल्ली, 26 मार्च (हि.स.)। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 20 साल के सजायाफ्ता पैरोल जम्पर राजकुमार उर्फ राजूजो को 14 साल के बाद गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला है कि वह 2011 में 40 दिनों के लिए पैरोल पर आया था और फिर फरार हो गया। उसने
छह जुलाई 1996 में अपने तीन सहयोगियों के साथ लूट के लिए एक रिश्तेदार के घर में प्रवेश किया और लूट का विरोध करने पर पांच लोगों की हत्या कर दी। उसके बाद वे लूटपाट कर फरार हो गए। पुलिस ने आरोपित को एक गुप्त सूचना के आधार पर मुल्तान नगर मेरठ से गिरफ्तार किया।
क्राइम ब्रांच के डीसीपी आदित्य गौतम के अनुसार पूछताछ में आरोपित ने खुलासा किया कि वह हापुड़ का रहने वाला है। उसके 1990 से 1996 तक मेरठ के सदर बाजार में बैग बनाने का काम किया। वर्ष 1996 में उसके दोस्त राजेंद्र ने एक जानकारी साझा की कि भजनपुरा दिल्ली में रहने वाले उसके चचेरे भाई ने अपनी संपत्ति 22 लाख रुपये में बेची है और सारा पैसा उसके घर में रखा है। इसके बाद उसने अपने साथी राजेंद्र उर्फ राजू, सुनील, जयकिशन के साथ मिलकर राजेंद्र के चचेरे भाई को लूटने की साजिश रची। रात में सभी लोग घर पहुंचे। लूटपाट का विरोध करने पर उन्होंने राजेंद्र के चचेरे भाई को चाकू घोप दिया। उसके बाद उन्होंने घर में मौजूद महिला (मृतक की साली) के साथ दुष्कर्म किया और बच्चों सहित पूरे परिवार को मार डाला। वारदात को अंजाम देने के बाद सभी आरोपित मौके से फरार हो गए।डीसीपी के अनुसार मामले की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची पुलिस को घटनास्थल पर पांच शव मिले। उक्त मामले में राजेंद्र उर्फ राजू, सुनील, राजकुमार उर्फ राजू, जयकिशन, कवलजीत उर्फ कवल सिंह और राज रानी को गिरफ्तार किया गया था। अदालत में सुनवाई के दौरान चार आरोपितों को 20 साल की सजा सुनाई गई। उनमें दो आरोपित सुनील और जयकिशन की सजा की अवधि के दौरान मृत्यु हो गई थी। इधर पकड़ा गया आरोपित राजकुमार उर्फ राजूजो वर्ष 2011 में पैरोल पर बाहर आया और फरार हो गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी