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जयपुर, 15 मार्च (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने झुंझुनूं की चिड़ावा तहसील की चारागाह भूमि से अतिक्रमण नहीं हटाने के मामले में जिला कलेक्टर, एसडीओ और तहसीलदार को 25 मार्च को तलब किया है। अदालत ने अधिकारियों से मामले का संपूर्ण रिकॉर्ड भी पेश करने को कहा है। सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश नेकीराम व अन्य की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान राजस्व विभाग की ओर से आदेश की पालना के लिए दो सप्ताह का समय मांगा। इस पर अदालत ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि मामले में 23 मई, 2022 के आदेश की पालना नहीं की गई तो अदालत अधिकारियों को वारंट से तलब कर सकती है। अवमानना याचिका में अधिवक्ता वीपी शास्त्री ने बताया कि चिडावा की कई बीघा चारागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए याचिकाकर्ता ने चिड़ावा तहसीलदार को सूचित किया। तहसीलदार ने 149 अतिक्रमण चिन्हित कर अगस्त, 2021 में कब्जाधारियों को बेदखल करने का निर्णय दिया। वहीं जिला कलेक्टर ने भी तहसीलदार के आदेश को यथावत रखा। इसके बावजूद भी मौके से अतिक्रमण नहीं हटाया गया। मामले को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका पेश की गई। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने 23 मई, 2022 को चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए। इसकी पालना नहीं होने पर अवमानना याचिका दायर कर दोषी अफसरों पर कार्रवाई की गुहार की गई।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक