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जयपुर, 1 फ़रवरी (हि.स.)। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि भारत ज्ञान का आरम्भ से ही खजाना रहा है। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में कहानियां अगर बच्चों को सुनाई जाती है तो उनकी बौद्धिक क्षमता बढ़ेगी।
राज्यपाल बागडे शनिवार को माहेश्वरी एजुकेशन कमेटी द्वारा आयोजित कहानी महोत्सव में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर वीरता से जुड़ी कहानियां और माताओं द्वारा सुनाई जाने वाली लोरिया सुनाते हुए कहा कि यहां कहा जाता रहा है, या तो शूरवीर जन्मे या भामाशाह जैसे वीर जन्म ले।
उन्होंने कहा कि केवल डिग्री से व्यक्ति सफल नहीं हो सकता, बौद्धिक क्षमता होना जरूरी है। यह अधिक से अधिक पढ़ने, सुनने से विकसित होती है। उन्होंने कहा कि कहानियां ही जीवन में अच्छा करने के लिए प्रेरित करती है। इसी दृष्टि से नई शिक्षा नीति में बच्चों को पाठयपुस्तकों के साथ व्यावहारिक शिक्षा देने पर जोर दिया गया है।
राज्यपाल ने भास्कराचार्य द्वारा गुरुत्वाकर्षण की शोध करने की चर्चा करते हुए कहा कि इसी को बाद में न्यूटन ने सिद्धांत रूप में विश्व के सामने रखा। उन्होंने प्राचीन ज्ञान विज्ञान परम्परा से जुड़े नालंदा, तक्षशिला विश्वविद्यालय को विश्वभर के ज्ञान केंद्र बताते हुए कहा कि इन्हें इसी कारण नष्ट कर दिया गया। नालंदा के ज्ञान केंद्र वहां के पुस्तकालय को बख्तियार खिलजी ने जला दिया। वहां पुस्तकें इतनी थी कि तीन माह तक आग जलती रही। उन्होंने ज्ञान की उस परंपरा को फिर से जीवंत करने के लिए कार्य करने का आह्वान किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश