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नई दिल्ली, 1 फ़रवरी (हि.स.)। द इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (आईसीएसआई) ने आज पेश हुए आम बजट को संतुलित बजट बताते हुए कहा है कि इस बजट की मदद से दीर्घकालिक आर्थिक विकास और देश की समृद्धि को बढ़ावा मिल सकेगा। इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष सीएस धनंजय शुक्ला का कहना है कि ये बजट देश के संतुलित आर्थिक विकास के लिए मील का पत्थर साबित होने वाला है। इससे देश के हर नागरिक के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में काम किया जा सकेगा।
आईसीएसआई की ओर से जारी की गई जानकारी में बताया गया है कि इस बजट में कमजोर समुदायों के लिए सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों का विस्तार किया गया है। इसके साथ ही बजट में कमजोर वर्गों की शिक्षा, स्वास्थ्य और आवासीय सुविधा के लिए धनराशि की व्यवस्था करने की भी कोशिश की गई है।
इंस्टीट्यूट ने बजट को समावेशी बताते हुए कहा है कि इसमें कौशल विकास, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शिक्षा को बढ़ावा देने और भारतीय भाषा पुस्तक योजना के जरिये युवाओं को बढ़ावा देने की कोशिश की गई है। इसके साथ नए उद्यमियों के लिए सहायक योजना पेश की गई, वहीं पीएम रिसर्च फेलोशिप और निजी क्षेत्रों की मदद से चलाए जाने वाले शोध कार्यक्रम के जरिये नवाचार को बढ़ावा देने का काम किया गया है।
बजट की सराहना करते हुए सीएस धनंजय शुक्ला ने कहा है कि ये बजट पॉलिसी मेकर्स, इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स और आम जनता के प्रतिनिधियों के बीच निरंतर होने वाले संवाद का भी प्रतिबिंब है, जिससे भविष्य में अर्थव्यवस्था के विकास का रास्ता और मजबूत होगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक