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भोपाल, 12 दिसम्बर (हि.स.)। मध्य प्रदेश विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र 17 दिसंबर को बुलाया गया है, जिसमें प्रदेश को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने पर चर्चा होगी। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर तथा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के बीच सहमति के बाद सत्र बुलाने के फैसले लिया गया है।
विधानसभा सचिवालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यह विशेष सत्र विधानसभा सत्र की पहली बैठक के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में बुलाया जा रहा है। राज्य की 16वीं विधानसभा का यह एक दिवसीय अष्टम सत्र बुधवार, 17 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा। सत्र सुबह 11 बजे से शुरू होगा। राज्यपाल द्वारा अनुमोदित अधिसूचना विधानसभा सचिवालय द्वारा शुक्रवार को जारी कर दी गई है। इस एक दिवसीय सत्र में मध्य प्रदेश को विकसित, आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनाने पर चर्चा होगी।
यह सत्र भले ही एक दिन का हो, लेकिन इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इसमें मध्य प्रदेश को विकसित, आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनाने की दिशा में सरकार की योजनाओं और भविष्य की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। विभिन्न दलों के विधायकों को प्रदेश के विकास, अर्थव्यवस्था, रोजगार, किसानों, महिलाओं, युवाओं और बुनियादी ढांचे से जुड़े मुद्दों पर अपने सुझाव रखने का अवसर मिलेगा।
गौरतलब है कि विधानसभा के गठन के बाद सबसे पहला सत्र 17 दिसंबर 1956 से शुरू हुआ था और इस दिन पहली बैठक हुई थी। इसी को देखते हुए विधानसभा सचिवालय द्वारा 17 दिसंबर को विधानसभा के पहले सत्र को 75 साल पूरा होने पर इस साल भी बैठक बुलाने की तैयारी की जा रही है। गौरतलब है कि इसके पहले 1 दिसम्बर से 5 दिसंबर तक चार दिवसीय विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुलाया गया था।
जानकारी के मुताबिक, इस सत्र में सरकार पिछले दो वर्षों में किए गए कामों और उपलब्धियों को भी विधानसभा के सामने प्रस्तुत कर सकती है। साथ ही आगे किन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देना है, इस पर भी चर्चा होने की संभावना है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर