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झाबुआ, 11 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के जनजातीय बाहुल्य झाबुआ जिले की थांदला विधानसभा के मेघनगर जनपद क्षेत्र अंतर्गत आने वाले सजेली नानजीसात (नान्यासाथ)ग्राम से लगे वन विभाग के फारेस्ट बीट क्रमांक 75 का समूचा क्षेत्र पिछले दशक से जिंदा गायों का कत्लगाह बना दिया गया है, और आश्चर्यजनक तथ्य है कि जिला प्रशासन और पुलिस महकमे खासकर वन विभाग को इसकी भनक तक नहीं पड़ी। प्रशासनिक अनदेखी के बीच सजैली क्षैत्र के ग्रामीण जनों द्वारा उठाया जा रहा यह सवाल मौजू है कि वन विभागीय अधिकारियों और उसके नाकारा कारिंदों के संरक्षण, सपोर्ट और मिली भगत के बगैर आखिर कैसे दैवी और माता के रूप में पूजित गौदेवी को काट काट कर गौ-हत्यारों द्वारा अपनी और अपने आकाओं की जेबें भरी जाती रही? क्षैत्र के ग्रामीण जनों के ही साथ जिले के हजारों लोग गौ हत्या कर गौमांस की तस्करी करने वाले अपराधियों और उनका संरक्षण करने वालों पर कठौरतम कार्रवाई की मांग करते हुए इस बात का जवाब चाहते हैं कि क्या अब भी ऐसे अपराधियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई होगी या नहीं?
देश और प्रदेश में कहने को तो सनातनी सरकार है, किंतु इन सरकारों के लंबे समय तक सत्ता में काबिज रहने के बावजूद गौहत्या पर विराम नहीं लग पाया है। और यही नहीं बल्कि गौ हत्यारो के हौंसले आखिर कितने बुलंद है की उन्होंने एक फारेस्ट बीट में अपना पूरा साम्राज्य खड़ा कर दिया और बेरौक टोक गायों के कत्ल किए जाने के अपने अत्यंत घृणित, वीभत्स, जघन्य और दुस्साहसी अपराध को अंजाम देते रहे।
फारेस्ट बीट क्रमांक 75 के इर्द गिर्द रहने वाले ग्रामीण जन लगातार इस गौवध स्थल पर पहुंच रहे हैं, और बीते कई सालों से चल रही गौहत्या पर दुःख जताते हुए गौ-हत्यारों पर कठौरतम कार्रवाई की मांग कर रहै हैे। आक्रोशित ग्रामीणों ने गौकशी की उक्त दुखद घटना को वन विभागीय अमले की मिली भगत करार दिया है, और शासन प्रशासन को आगाह किया है कि गौहत्या की इस बड़ी घटना के बाद भी शासन प्रशासन द्वारा अपराधियों और उनके संरक्षकों पर कठोर कार्रवाई नहीं की गई, तो जनजातीय भगत समाज अपने स्तर पर कार्यवाही करेगा।
उल्लेखनीय है कि जिला के मेघनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम नानजीसात के दुर्गम जंगल जो कि वन विभाग के बीट क्रमांक 75 का एक भाग है, इस क्षैत्र में रविवार को गायों की निर्ममता पूर्वक जघन्य हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया था। गौहत्यारों द्वारा बड़ी ही क्रूरता से तीन गायों को मौत के घाट उतार दिया था, और गौहत्या स्थल पर तीन गाएं मृत अवस्था मे पड़ी देखी गई। इनमें एक गाय को घातक हथियारों से काट दिया गया था। घटना स्थल से बड़ी संख्या में घातक हथियार भी बरामद हुए। घटना स्थल पर गौ मांस के ढेर पड़े हुए थे, और एक बर्तन में गौमांस पकाया जा रहा था।। गौहत्यारों द्वारा गायों की क्रूरतम हत्या कर उनके द्वारा आपस में गौमांस बांट लिया गया था, तभी पुलिस वहां पहुंच गई और तीन आरोपी पकड़ लिए गए, किंतु शेष भाग खड़े हुए। ग्राम नानजीसात के उस जंगल में जहां गौओं का कत्ल किया जाता रहा, उस स्थान के आसपास मृत गायों के कंकाल अधकटे शरीर के टुकड़े, सींग और चमड़े का ढेर देखा गया, जिससे यह साबित होता है कि वहां उस क्षैत्र में गौहत्या की घटनाओं को लंबे समय से अंजाम दिया जा रहा था। और पिछले सालों के दौरान हजारों गायों का कत्ल कर दिया गया।
बुधवार को क्षैत्रिय मंत्री गौ रक्षा विभाग, विश्व हिन्दू परिषद, सोहन विश्वकर्मा सजेली नानजीसात नान्यासाथ गांव की वनभूमि (स्पाट) पर पहुंचे, और वहां हालात को देखने के बाद घटनाक्रम को बेहद गंभीर बताया। बुधवार रात विश्वकर्मा ने हिंदुस्थान समाचार को कहा कि संपूर्ण घटना अत्यंत गंभीरतम है, उन्होंने कहा कि प्रशासन की नाक के नीचे यह स्लाटर इतने वर्षों से चल रहा है, यह बहुत बड़ी घटना है। विश्वकर्मा ने कहा कि उन्होंने कलेक्टर एसपी और डीएफओ से सीधे संवाद किया और गौकशी की उक्त घटना को बहुत बड़ी एवं गंभीरतम घटना बताते हुए घटनाक्रम से जुड़े सभी दोषियों पर मुकदमा दर्ज किया जाकर उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही किए जाने की मांग की है।
जिले के कल्याण पुरा क्षैत्र के ग्राम पाडल घांटी निवासी रामसिंह डामोर जो कि ग्रामवासियों के साथ घटना स्थल पर आए थे, उन्होंने पत्रकारों को कहा कि मेघनगर क्षैत्र के नान्यासाथ के वन विभाग के अंतर्गत आने वाले बीट नंबर 75 में पिछले कितने ही वर्षों से गौहत्या कर गौमांस की तस्करी की जा रही है, उन्होंने इस गौ-हत्या कांड में वनविभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के शामिल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस रैकेट में निश्चित तौर पर और भी कई रसूखदार लोग शामिल होंने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता हैं। उन्होंने ऐसे सभी लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
हिंदू युवा जनजाति संगठन के संस्थापक, प्रमुख, कमल डामोर ने सजेली नानजीसात (नान्यासाथ) गांव में पिछले लंबे समय से बड़े पैमाने पर गायों के कत्ल किए जाने एवं गौमांस तस्करी मामले पर पुलिस एवं वन विभाग की भूमिका पर सवाल उठाते हुए जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उक्त मामले में संलग्न लोगों की उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर निष्पक्ष रूप से जांच किए जाने की मांग की
गई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. उमेश चंद्र शर्मा