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चंडीगढ़, 2 नवंबर (हि.स.)। हरियाणा में आईपीएस अधिकारी तथा एक एएसआई द्वारा आत्महत्या किए जाने के बाद पुलिस विभाग में उठ रही जातिवाद की चर्चाओं पर विराम लगाते हुए पुलिस महानिदेशक ने साफ किया है कि पुलिस की केवल एक ही जाति होती है और वह है खाकी। सोशल मीडिया पर भी हरियाणा पुलिस में अधिकारियों व कर्मचारियों के बीच जातिवाद के मीम चल रहे हैं। आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार द्वारा आत्महत्या किए जाने के बाद प्रदेश में कई जातिवादी महापंचायतों का आयोजन भी किया गया। अब डीजीपी ओपी सिंह ने इस विवाद को खत्म करने की दिशा में कई प्रयास किए हैं।
सोशल मीडिया एक्स पर डीजीपी ने लिखा कि पिछले पंद्रह दिन में 9 करोड़ लोगों ने हमारी बातें सुनी। 7 करोड़ लोग एक्टिवली एंगेज हुए और 99 प्रतिशत ने कहा कि हम आपके साथ हैं। और मूल बात क्या निकली कि पुलिस की एक ही जाति है, वो है खाकी। डीजीपी ने कहा कि मैंने अपने जवानों और अधिकारियों से कहा है कि आम लोगों के अच्छे-सच्चे होने का इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है? उनसे सलीके-सहृदयता से पेश आयें और अपने तोप का मुंह ठगों-बदमाशों की ओर करें। पुलिस महानिदेशक की इस पोस्ट विभागीय कर्मचारियों में फैले असंतोष तथा जातिवादी विवाद को समाप्त करने की दिशा में देखा जा रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा