एआई सबको भायी, खतरे भी लाई
योगेश कुमार सोनी


योगेश कुमार सोनी

तकनीक का जितना फायदा नहीं होता उससे ज्यादा नुकसान होने लगता है। बीते दिनों एक रिपोर्ट आई कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से कुछ लोगों के नकली आधार और पैन कार्ड बनाने का प्रयास किया गया।आजकल अपनी फोटो को चैट जीपीटी से कलात्मक व आकर्षक बनाने के लिए लोग इसका जमकर प्रयोग कर रहे हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर गूगल जेमिनी का (बनाना एआई साडी ट्रेंड) किस्सा वायरल हो रहा है, जिसमें यूसर्ज अपनी फोटो को एआई की मदद से साडी में बदल रहे हैं। बीते दिनों एक महिला ने इंस्टाग्राम पर बताया कि उससे इस ऐप का प्रयोग किया और साडी वाली तस्वीर बनवाई, लेकिन एआई ने उसकी फोटो के शरीर के उस हिस्से का तिल दिखा दिया जो उसकी अपलोड की गई फोटो में नजर नहीं आ रहा था। इस बात से वह महिला बहुत भयभीत हो गई और इस घटना को डरावना बताया और बाकी लोगों को भी चेताया कि बिना सोचे समझे अपनी फोटो इस तरह के ऐप पर न डालें।

इसके अलावा एक लड़का जो किसी लड़की को चाहता था लेकिन लड़की उसको पंसद नहीं करती थी। उसने एआई की मदद से अपना और उसके फोटो को मिलाकर किसिंग वाला वीडियो बना दिया और उसको उस लड़की के रिश्तेदार व दोस्तों को सेंड कर दिया, जिससे उसकी इमेज पर बडा डेंट पडा। दरअसल आज भी एक आयु वर्ग एआई से परिचित नही हैं तो कुछ लोगों ने उसको असली मान लिया, जिससे वह लड़की को ही गलत समझने लगे। स्थिति यह थी कि लड़की आत्महत्या करने की कोशिश करने लगी लेकिन उसको बचा लिया। यह एक छोटी सी घटना है लेकिन देशभर में हर रोज ऐसी सैकड़ों घटनाएं हो रही हैं। इसके अलावा एक शर्मसार करने वाले घटना सामने आई जिसमें देश के बड़े संत व कथावाचकों के साथ पोर्न स्टार का बात करते हुए व अश्लील हरकत करते हुए वीडियो बना दिया गया। इस घटना से समाज में एक नकारात्मकता फैली व भक्त बहुत नाराज हुए।

इसके अलावा उत्तर प्रदेश के महोबा में शातिर दिमाग लोगों ने एआई का दुरुपयोग कर सरकारी राजस्व को चूना लगा दिया। महोबा जिले में इस हाईटेक फर्जीवाड़ा में तीन लोग धरे गए। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपितों ने खनिज विभाग की आधिकारिक वेबसाइट upmines.updsc.gov.in की हूबहू कॉपी बनाते हुए www.upmines-upsdc.gov.ink नाम से नकली पोर्टल तैयार कर लिया। वह इस वेबसाइट के जरिए ठेकेदारों और बिचौलियों को फर्जी ई-ट्रांजिट पास (रॉयल्टी प्रपत्र) उपलब्ध करा रहे थे। ऐसी घटनाओं से विशेषज्ञ चिंतित तो हैं लेकिन अब तक इसका कोई हल नहीं निकल पाया।

09 सितंबर, 2025 को अभिनेत्री ऐश्वर्या राय ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया और व्यक्तियों व प्लेटफॉर्मों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व अन्य तरीकों से उनकी छवि, पहचान और व्यक्तित्व के दुरुपयोग से रोकने की मांग की। उनकी ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी, वकील प्रवीण आनंद और ध्रुव आनंद पेश हुए। उन्होंने दलील दी कि ऐश्वर्या राय बच्चन का नाम और चेहरा उनकी अनुमति के बिना इस्तेमाल किया जा रहा है। यहां तक कि उनके नाम पर कथित रूप से पैसे भी वसूले जा रहे हैं। सेठी ने अदालत को बताया कि उनकी छवि का ऑनलाइन इस्तेमाल यहां तक किया जा रहा है कि किसी की “यौन इच्छाओं की पूर्ति” हो सके, जिसे उन्होंने “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण” बताया।

ऐश्वर्या की याचिका ने देश के मनोरंजन उद्योग में डीप फेक और एआई जनित कंटेंट से बढ़ते खतरे को उजागर किया है। ऐश्वर्या राय से पहले, बॉलीवुड के दिग्गज जैकी श्रॉफ ने मई में अदालत का रुख किया था। उनका आरोप था कि उनके नाम पर मर्चेंडाइज बेचना और उनके विकृत वीडियो बनाने जैसी गतिविधियां प्रथम दृष्टया, उनकी शख्सियत और पब्लिसिटी राइट्स के “अनधिकृत शोषण” के माध्यम से व्यावसायिक लाभ कमाने के प्रयास लगते हैं। अदालत ने उनके व्यक्तित्व और पब्लिसिटी अधिकारों की सुरक्षा की थी। हाल के महीनों में कई बड़े सितारों ने भी अपनी पहचान की सुरक्षा के लिए इसी तरह के कदम उठाए हैं। 2023 में अनिल कपूर ने दिल्ली हाई कोर्ट से अपने नाम, आवाज और मशहूर डायलॉग “झक्कास” के दुरुपयोग पर रोक का आदेश हासिल किया था। उसी समय अमिताभ बच्चन ने भी अपनी पहचान के अनधिकृत इस्तेमाल से सुरक्षा प्राप्त की थी। आज देश में आस्था की दुनिया में प्रख्यात संत प्रेमानंद देश के बड़े संत हैं। कुछ लोगों ने उनको भी नही छोड़ा। उनके प्रसारित प्रवचन का कुछ लोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से दुरुपयोग कर रहे हैं। एआई की मदद से उनके प्रवचनों को दूसरी भाषाओं में प्रसारित कर रहे हैं।

श्रीराधा केलिकुंज ने चेतावनी जारी कर इस तरह के अमर्यादित कृत्यों से बचने को कहा है।दरअसल एआई के दुरुपयोग से लगातार अनैतिक गतिविधियों से खास से लेकर आम आदमी तक परेशान हो रहा है। कुछ शरारती तत्व इसका गलत इस्तेमाल करके लोगों को परेशान कर रहे हैं। इससे निजता का भी हनन हो रहा है व इसके अलावा अन्य कई तरह के संकट बढ़ते जा रहे हैं। इसके लिए जल्द ही कोई ठोस नीति बनानी चाहिए। चूंकि यह एक ऐसा तंत्र बन चुका है जिसकी वजह से बहुत लोगों की जीवन में परेशानी आ रही है। इसके दुरुपयोग होने पर कड़े कानून तो बनने चाहिए साथ में ऐसे भी फीचर्स होने चाहिए जिससे कि कोई किसी की फोटो व अन्य दस्तावेजों का दुरुपयोग न कर सके। यह बेहद दुर्लभ है चूंकि इस प्रकरण में निजता पर जो प्रहार हो रहा है उससे विशेषज्ञ भी परेशान हो रहे हैं। दरअसल हम चाहें तो किसी तकनीकी का सही प्रयोग कर बहुत हासिल कर सकते हैं लेकिन कुछ लोग इसका गलत इस्तेमाल करके लोगों का डरा रहे हैं। ऐसे लोगों पर तुरंत कार्रवाई हो, जिससे कोई भी ऐसा करने से डरे।

(लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)

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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद