Enter your Email Address to subscribe to our newsletters

-मुख्यमंत्री की उपस्थिति में 'व्यापार सुगमता' के संबंध में उद्योग विभाग की समीक्षा
मुंबई, 31 अक्टूबर (हि.स.)। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को मुंबई में कहा कि राज्य के जिला कलेक्टरों के लिए 'चिंतन शिविर' और संभागीय बैठकें आयोजित की जाएँगी और राज्य के प्रत्येक जिला कलेक्टर को और अधिक अधिकार दिए जाएँगे। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि राज्य में 'जिला व्यापार सुधार कार्य योजना 2025' लागू की जा रही है। 154 सुधारों वाली यह पहल 14 अगस्त, 2026 तक लागू रहेगी।
मुख्यमंत्री फडणवीस की अध्यक्षता में सह्याद्री अतिथि गृह में 'व्यापार सुगमता' के संबंध में शुक्रवार को एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य सचिव राजेश कुमार और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ राज्य के संभागीय आयुक्त और जिला कलेक्टर भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि राज्य के औद्योगिक विकास को गति देने के लिए 6 संभागीय समितियां बनाई गई हैं, जो 31 दिसंबर, 2025 से पहले अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी।
इनमें से नासिक संभाग आयुक्त डॉ. प्रवीण गेडाम के नेतृत्व में 'ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस' सुधार समिति कार्यरत है, जबकि विजय सूर्यवंशी (कोंकण संभाग) और जितेंद्र पापलकर (छत्रपति संभाजीनगर संभाग) क्रमश: औद्योगिक संसाधन उपयोग और भूमि बैंक संवर्धन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। बैठक के दौरान राज्य में 'ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस' की प्रगति, कार्यान्वित सुधारों और आगामी पहलों की समीक्षा की गई। महाराष्ट्र ने 'ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस 2024' मूल्यांकन में उल्लेखनीय प्रगति की है और 402 सुधारों में से 399 पूरे हो चुके हैं। इसके कारण, राज्य का कार्यान्वयन स्कोर 99.25 प्रतिशत तक पहुँच गया है।
महाराष्ट्र को पहले 'ईज़ ऑफ डूइंग बिजऩेस' 2020-21 में अचीवर और 'ईओडीबी 2022' में टॉप अचीवर नामित किया गया था। 'ईज़ ऑफ डूइंग बिजऩेस 2024' के अंतिम परिणाम 11 नवंबर 2025 को घोषित किए जाएँगे। 'ईज़ ऑफ डूइंग बिजऩेस' के अंतर्गत प्रमुख फोकस क्षेत्र भूमि और निर्माण परमिट, श्रम सुधार, उपयोगिता और निरीक्षण प्रणालियाँ, और नियामक सरलीकरण हैं। इसके साथ ही मैत्री 2.0 के माध्यम से एक पूर्ण सिंगल-विंडो इकोसिस्टम लागू करने की योजना है।
इसके अलावा मैत्री 2.0 में सिंगल साइन-ऑन, परमिट स्थिति, सामान्य आवेदन पत्र, समेकित भुगतान, डैशबोर्ड, निरीक्षण, शिकायत निवारण और उपयोगकर्ता प्रतिक्रिया जैसे आवश्यक मॉड्यूल शामिल किए जाएँगे। महाराष्ट्र में व्यापार करने में आसानी, विनियमन और क्षेत्रीय मंजूरी सुविधा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। उद्योगों के लिए अधिक अनुकूल और पारदर्शी वातावरण प्रदान करने के लिए बड़े सुधार किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि केंद्र सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की 'व्यापार सुधार कार्य योजना' (बीआरएपी) के अनुसार, महाराष्ट्र 2015 से लगातार देश में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों में से एक रहा है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव