गुजरात मैरीटाइम बोर्ड के साथ गुजरात पीपावाव पोर्ट लिमिटेड द्वारा 17 हजार करोड़ रुपए के पूंजी निवेश के लिए एमओयू
मुख्यमंत्री की उपस्थिति में गांधीनगर में एमओयू हुआ


मुख्यमंत्री की उपस्थिति में गांधीनगर में एमओयू हुआ


-मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की उपस्थिति में गांधीनगर में एमओयू हुआ

गांधीनगर, 29 अक्टूबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए ‘समुद्र से समृद्धि’ के विजन को गुजरात में पोर्ट्स सेक्टर के आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास से साकार करने का एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

राज्य सूचना विभाग ने अपने बयान में बताया कि बुधवार को गांधीनगर में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल तथा ए.पी. मोलर (एपीएम)-मार्स्क बोर्ड के अध्यक्ष रॉबर्ट मर्स्क उग्गला की प्रेरक उपस्थिति में गुजरात मैरीटाइम बोर्ड (जीएमबी) तथा गुजरात पीपावाव पोर्ट लिमिटेड (एपीएम टर्मिनल्स) द्वारा 17 हजार करोड़ रुपए के पूंजी निवेश का एमओयू हुआ।

इस एमओयू का उद्देश्य पीपावाव बंदरगाह की क्षमता के विस्तार से राज्य में अत्याधुनिक विकास द्वारा गुजरात के समुद्री क्षेत्र को और सुदृढ़ करना है।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस एमओयू की सराहना करते हुए कहा कि पीपावाव पोर्ट्स के विस्तार के फलस्वरूप गुजरात की भारत के ‘मैरीटाइम गेटवे’ के रूप में स्थापित हुई पहचान और सुदृढ़ होगी।

इतना ही नहीं, यह एमओयू गुजरात में पोर्ट्स नेटवर्क को और सुदृढ़ बनाकर राज्य के उद्योगों, निर्यातकों एवं लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को सशक्त बनाएगा। इस एमओयू से विकास तथा आयात के समय व खर्च; दोनों में कमी आएगी, बंदरगाह के आसपास के क्षेत्रों में उद्योगों, वेयरहाउसिंग तथा सप्लाई चेन की सुविधाएँ विकसित होंगी और राज्य की आर्थिक गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि भी होगी।

इस प्रोजेक्ट से भविष्य में रोजगार के प्रत्यक्ष व परोक्ष सहित कुल लगभग 25 हजार नए अवसर सृजित होंगे। रोजगार के ये अवसर स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई गति देंगे और ग्रामीण क्षेत्र में जीवन स्तर में भी सुधार लाएंगे।

इस समझौता ज्ञापन द्वारा पीपावाव बंदरगाह की वर्तमान कंटेनर, बल्क, लिक्विड तथा रो-रो कारगो वहन करने की क्षमता में वृद्धि होने से बंदरगाह का कामकाज अधिक प्रभावशाली एवं तेज बनेगा। इस निवेश के अंतर्गत हैंडलिंग सुविधाओं, आधुनिक कंटेनर टर्मिनल्स, डिजिटल ऑपरेशन सिस्टम्स तथा पर्यावरणोन्मुखी इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाएगा।

एपीएम टर्मिनल्स - एशिया तथा मध्य एशिया के चीफ एग्जीक्यूटिव (सीई) जॉन गोल्डनर ने कहा कि यह निवेश योजना केवल पीपावाव पोर्ट के विस्तार के लिए ही नहीं है; बल्कि इससे गुजरात, भारत एवं वैश्विक व्यापार के लिए नए अवसर खुलेंगे। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य पीपावाव को विश्व स्तरीय कार्यक्षमता तथा ग्रीन ग्रोथ का मॉडल बनाने के साथ स्थानीय समुदाय के लिए स्थायी समृद्धि का निर्माण करना एवं समुद्री व्यापार में भारत का नेतृत्व अधिक सुदृढ़ करना है।

इस एमओयू हस्ताक्षर अवसर पर मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एम. के. दास, मुख्यमंत्री के सलाहकार एवं जीएमबी के अध्यक्ष एस. एस. राठौड़, बंदरगाह एवं परिवहन विभाग के प्रधान सचिव आर. सी. मीणा, जीएमबी की कार्यकारी उपाध्यक्ष रेम्या मोहन तथा जीएमबी के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

मार्स्क तथा एपीएम टर्मिनल्स की ओर से ग्रुप चीफ रिप्रेजेंटेटिव ऑफिसर रेने पेडरसन, गुजरात पीपावाव पोर्ट के प्रबंध निदेशक गिरीश अग्रवाल तथा भारत, बांगलादेश एवं श्रीलंका क्षेत्र में मार्स्क के लिए लोक नीति एवं नियमनकारी मामलों के प्रमुख विवेक शर्मा भी सहभागी हुए।

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हिन्दुस्थान समाचार / Abhishek Barad