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भोपाल, 28 अक्टूबर (हि.स.)। मध्यप्रदेश में मौसम का यह नया रंग सर्दी की दस्तक और मानसूनी विदाई के बीच का एक अनोखा संगम बना हुआ है, न पूरी गर्मी गई है, न पूरी ठंड आई है, लेकिन बादलों की बरसात ने अक्टूबर के अंतिम दिनों को यादगार बना दिया है। अक्टूबर का आखिरी हफ्ता इस बार असामान्य रूप से नम और ठंडा साबित हो रहा है। मानसून की विदाई के बाद भी अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के सक्रिय सिस्टमों ने प्रदेश को बारिश से भिगो रखा है। मौसम विभाग के मुताबिक, यह सिलसिला नवंबर के पहले सप्ताह तक जारी रह सकता है।
उल्लेखनीय है कि सर्दी की शुरुआत में ही मध्य प्रदेश के आसमान पर बादलों का डेरा बना हुआ है। सोमवार को श्योपुर और शिवपुरी में बादलों ने जमकर बरसात की। शाम साढ़े पांच बजे तक श्योपुर में 56 मिलीमीटर और शिवपुरी में 34 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इसके साथ ही भोपाल, चंबल-ग्वालियर, इंदौर और उज्जैन संभाग के कई जिलों में कहीं तेज तो कहीं हल्की फुहारें पड़ीं। मंगलवार सुबह भी प्रदेश में कई जगह हल्की बारिश होते दिखी। जिसके चलते ठंड के मौसम से पहले ही वातावरण में ठंडक घुल गई है।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, प्रदेश में फिलहाल पांच मौसम प्रणालियाँ सक्रिय हैं, जिनमें से तीन प्रमुख सिस्टम काफी मजबूत स्थिति में हैं। इनमें बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवात, अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र और उत्तर भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ शामिल हैं। इन तीनों के संयुक्त प्रभाव से प्रदेश में हवाओं के साथ नमी बढ़ी है, जिसके चलते कई हिस्सों में लगातार बादल छाए हुए हैं और रुक-रुक कर बारिश का सिलसिला जारी है।
ग्वालियर और उज्जैन संभाग के कई हिस्सों में भी हल्की से मध्यम बारिश हुई। दतिया, सीधी, रतलाम, रीवा और टीकमगढ़ में आधे से एक इंच तक पानी गिरा, जबकि गुना, मुरैना, छतरपुर, खजुराहो और मंदसौर में फुहारें पड़ीं। मौसम विभाग का कहना है कि यह बारिश “पोस्ट-मानसून एक्टिविटी” के तहत हो रही है, जो नवंबर के शुरुआती दिनों तक जारी रह सकती है।
छह जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि 29 और 30 अक्टूबर को प्रदेश के छह जिलों सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर और सिंगरौली में भारी बारिश हो सकती है। इन जिलों में अगले दो दिन ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं भोपाल, इंदौर, उज्जैन और जबलपुर सहित मध्य और पश्चिमी हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा के आसार हैं।
भोपाल केंद्र मौसम विभाग का कहना है अगले 24 घंटे में चंबल, ग्वालियर, इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों में तेज हवाओं के साथ बारिश और गरज-चमक की संभावना है। कई इलाकों में बिजली गिरने की घटनाएं भी हो सकती हैं, इसलिए नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
बारिश के बीच तापमान में उतार-चढ़ाव
मौसम विभाग के अनुसार, बारिश के चलते अधिकतम तापमान में गिरावट आई है, लेकिन नमी बढ़ने से न्यूनतम तापमान में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। चार प्रमुख शहरों में तापमान इस प्रकार रहा है। भोपाल: अधिकतम 30.4°, न्यूनतम 20.4°, इंदौर: अधिकतम 29.8°, न्यूनतम 20.2°, ग्वालियर: अधिकतम 23.4°, न्यूनतम 21.6°, जबलपुर: अधिकतम 31.8°, न्यूनतम 20.5°। विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल ठंड की शुरुआत धीमी है, लेकिन जैसे ही पश्चिमी विक्षोभ आगे बढ़ेगा और बादलों का असर घटेगा, वैसे ही तापमान में तीव्र गिरावट देखने को मिलेगी।
तवा डैम से छोड़ा गया पानी
बारिश का असर नदियों और जलाशयों पर भी नजर आने लगा है। तवा डैम में जलस्तर बढ़ने के कारण सोमवार को प्रशासन ने तीन गेट खोल दिए। इन्हें तीन-तीन फीट की ऊंचाई तक खोला गया, जिससे 16,070 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। डैम का जलस्तर 1166.30 फीट तक पहुंच गया और जलग्रहण क्षेत्र में निरंतर वर्षा के कारण पानी की आवक बनी हुई है। इस साल मानसूनी सीजन में अब तक डैम के गेट 79 बार खोले जा चुके हैं।
6 नवंबर के बाद बढ़ेगी ठंड
मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि उत्तर भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के चलते पहाड़ी राज्यों में अगले कुछ दिनों में बर्फबारी के आसार हैं। जब यह सिस्टम गुजर जाएगा, तो उत्तर की ठंडी हवाएं मध्य प्रदेश की ओर बढ़ेंगी। इसके बाद 6 नवंबर से प्रदेश में ठंड की शुरुआत जोर पकड़ लेगी। सुबह और रात में तापमान में गिरावट होगी और दिन के समय हल्की ठंडी हवाएं चलने लगेंगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी