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- विश्वविद्यालय में “पुरोहित कोर्स: द पूजा” की शुरूआत
वाराणसी, 28 अक्टूबर (हि.स.)। फिजी, त्रिनिदाद एवं टोबैगो देशों में रहने वाले हिन्दू समुदाय के युवा उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू)में कर्मकाण्ड एवं पौरोहित्य कर्म का ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे। विश्वविद्यालय के कला संकाय के
अंतर्गत भारत अध्ययन केन्द्र ने विदेश मंत्रालय के सहयोग से “पुरोहित कोर्स: द पूजा” की शुरूआत मंगलवार से की। तीन माह के इस पाठ्यक्रम का प्रथम ऑनलाइन सत्र भारत अध्ययन केन्द्र में 21 नवम्बर 2025 तक आयोजित किया जाएगा।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में बीएचयू के कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने वर्चुअल अध्यक्षता करते हुए कहा कि यह पाठ्यक्रम भारतीय सभ्यता, संस्कृति एवं लोकाचार के विश्व व्यापी आदान-प्रदान एवं विस्तार में अत्यन्त महत्त्वपूर्ण एवं सहयोगी होगा। महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने इस विश्वविद्यालय का निर्माण भारतीय ज्ञान-विज्ञान के वैश्विक प्रसार को ध्यान में रखते हुए किया था। कार्यक्रम में त्रिनिदाद एवं टोबैगो में भारत के उच्चायुक्त, डॉ. प्रदीप सिंह राजपुरोहित ने वर्चुअल कहा कि यह पाठ्यक्रम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के त्रिनिदाद एवं टोबैगो यात्रा का परिणाम है, जिसको विदेश मंत्रालय ने विशेष रूप से संचालित करने का प्रयास किया है। सुनीत मेहता (भारत के उच्चायुक्त, फिजी) ने कहा कि यह पाठ्यक्रम फिजी देश में हिन्दू संस्कृति की जड़ों को और मजबूती प्रदान करेगा। साथ ही, आने वाली पीढ़ियों के लिए भी मार्ग दर्शक होगा।
इस अवसर पर मुख्य प्रशिक्षक प्रो. पतंजलि मिश्र (वेद विभाग, संस्कृत विद्याधर्म विज्ञान संकाय) तथा नारायण प्रसाद भट्टाराई ने प्रतिभागियों से पाठ्यक्रम सम्बन्धित चर्चा करते हुए नियमों से परिचित कराया। उद्घाटन सत्र में दोनों देशों के कुल 20 प्रतिभागी एवं अरिंदम भट्टाचार्य (निदेशक, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार), एवं प्रो. सदाशिव कुमार द्विवेदी (समन्वयक, भारत अध्ययन केन्द्र एवं अध्यक्ष, संस्कृत विभाग) उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी