कांदिवली में लगी भीषण आग, आठ घायल
कांदिवली में लगी भीषण आग, आठ घायल


मुंबई, 26 अक्टूबर (हि.स.)।

कांदिवली पश्चिम में रविवार को सोलह मंजिला आवासीय इमारत में भीषण आग लग गई। इस घटना में एक वरिष्ठ नागरिक और तीन नाबालिगों सहित आठ लोग घायल हो गए। सभी एक ही परिवार के सदस्य हैं।

बीएमसी से मिली जानकारी के अनुसार कांदिवली पश्चिम के शंकर लेन स्थित अग्रवाल रेसीडेंसी के दूसरी मंजिल के फ्लैट में आग लगी थी। लगभग30मिनट में आग पर काबू पा लिया गया। सभी आठों घायलों को धुएं के कारण दम घुटने से समस्या उत्पन्न हुई। आग लगने के बाद पीड़ित इमारत के अंदर फंस गए थे,जिन्हें फायर ब्रिगेड के जवानों ने बाहर निकाला। आग16मंजिला इमारत की दूसरी मंजिल पर स्थित एक फ्लैट में लगी। आग पहले हॉल में लगी और फिर फ्लैट के अन्य हिस्सों में फैल गई।आग बिजली के वायरिंग सिस्टम से शुरू हुई थी और विद्युत इंस्टॉलेशन तक ही सीमित रही। लकड़ी के फर्नीचर की मौजूदगी ने आग की तीव्रता बढ़ा दीऔर पूरा फ्लोर घने काले धुएं से भर गया। सभी घायल एक ही परिवार के सदस्य हैं,जो आग लगने के समय उसी फ्लैट में रह रहे थे। धुएं के कारण वे बाहर नहीं निकल पाए और फंस गए। बाद में फायर ब्रिगेड कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर उन्हें एक-एक कर बाहर निकाला। अधिकारी ने बताया कि पूरा परिवार बच्चों सहित अंदर फंसा हुआ था और बिजली आपूर्ति भी बंद थी,जिससे धुएं के कारण दृश्यता बहुत कम हो गई थी। दमकल कर्मियों को उन्हें सीढ़ियों के रास्ते बाहर निकालना पड़ा। अगर आग ऊपरी मंजिलों पर लगती,तो स्थिति और कठिन हो सकती थी।

घायलों मेंचिंतन अभय कोठारी (45),ख्याति चिंतन कोठारी (42),ज्योति अभय कोठारी (66),पार्थ कोठारी (39),ऋद्धि पार्थ कोठारी (36),आयरा पार्थ कोठारी (6),प्रांज पार्थ कोठारी (3)और महावीर चिंतन कोठारी (7)शामिल हैं। सभी घायलों को मालाड स्थित तुंगा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चिंतन,ख्याति और ज्योति का आईसीयू में इलाज चल रहा है,उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। वहींअन्य घायलों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

पिछले दो सप्ताह में शहर में आग की9से अधिक घटनाएं सामने आई है । इसमें एक किशोर की मृत्यु भी हो गई। ऐसे में फायर सेफ्टी पर सवाल उठ रहे हैं। फायर ब्रिगेड कर्मचारियों को ऊंची इमारतों में आग बुझाने के लिए सबसे अधिक मशक्कतकरनी पड़ती है।मुंबई में4,000से अधिकहाई-राइज और200से अधिक गगनचुंबी इमारतें हैं,जिनकी उंचाई 40से अधिक मंजिलों की है। अग्नि सुरक्षा नियमों के अनुसार,सभी ऊंची इमारतों में आंतरिक अग्निशमन प्रणाली होना आवश्यक है,जैसे कि अग्निशमन के लिए समानांतर जल आपूर्ति,फायर अलार्म और फायर स्प्रिंकलर सिस्टम. लेकिन सेफ्टी ऑडिट न होने से आपात स्थिती में कई इमारतों के फायरसिस्टम फेल हो जाते हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार