विभिन्न जगहों पर रहने वाले दो लोगों को साइबर अपराधियों ने बनाया शिकार, 55 लाख रुपए की ठगी
प्रतीकात्मक छवि


गाजियाबाद, 25 अक्टूबर (हि.स.)। जनपद गाजियाबाद में साइबर ठगों ने शेयर ट्रेडिंग और निवेश के नाम पर दो लोगों से करीब 55 लाख रुपये की ठगी कर ली। ठगों ने पीड़ितों से कई बैंक खातों में रकम ट्रांसफर कराई।

अपर पुलिस उपायुक्त क्राइम पीयूष कुमार सिंह ने बताया कि ठगों ने राजनगर एक्सटेंशन के रहने वाले रुद्र प्रताप सिंह से 43.45 लाख और कौशांबी के रहने वाले संतोष कुमार से 10.60 लाख रुपये की ठगी को अंजाम दिया है। दोनों पीड़ितों ने साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि राजनगर एक्सटेंशन निवासी रुद्र प्रताप सिंह ने शिकायत देकर बताया है कि 20 जुलाई को उनके पास व्हाट्सऐप पर एक लिंक आया। फिर एक फोन आया। फोन करने वाले ने अपना नाम विजय शरंकर पांडे बताते हुए कहा कि उसने एक लिंक भेजा है इसमें पैसा लगाने पर दो से तीन गुना लाभ होगा। फिर उनके पास एक कॉल और आया। उसने अपना नाम देवाराम संदीप बताया। उसने कहा वह इस कंपनी का डायरेक्टर है। यह काफी पुरानी कंपनी है। यहां रुपये लगाकर लाखों लोग करोड़पति बन गए हैं। उन्होंने ऐसा करने से मना किया लेकिन एक हफ्ते तक लगातार फोन करके वह उन्हें निवेश के लिए कहते रहे। ठगों ने उन्हें लोगों द्वारा कमाए गए प्रॉफिट और बैंक अकाउंट में विड्रॉल करने के ऑटो डिलीट स्क्रीन शॉट भेजे। एक बार विडियो कॉल करके सेमिनार में काफी लोगों की भीड़ भी दिखाई कि ये लोग एक करोड़ रुपये से ज्यादा कमा चुके हैं। कंपनी ने इन्हें इनाम देने के लिए सेमिनार का आयोजन किया है। कई लोगों से उन्होंने उनकी बात भी कराई। जिन्होंने बताया कि उन्होंने एक दो लाख रुपये से शुरुआत करके धीरे-धीरे एक करोड़ रुपये से ज्यादा का मुनाफा कमा लिया है। उनसे 1.20 लाख रुपये से शुरुआत करने की बात कही कि इस स्कीम से ज्यादा मुनाफा होगा। उन्होंने शिकायत में बताया कि उनके खाते में उनके बड़े भाई की कोचिंग के रुपये आते थे तो उन्होंने ठगों पर विश्वास करके दो बार में 1.20 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद उनके पास अगले दिन कॉल आई। कॉलर ने कहा कि यह स्कीम चेंज हो गई है अब तुम्हें 12 लाख रुपये भेजने होंगे तभी प्रॉफिट के रुपये वापस मिलेंगे। उन्होंने 12 अगस्त को 12.65 लाख रुपये जमा कर दिए। लेकिन फिर उन्हें रकम वापस नहीं मिली। जब रकम वापस करने का दबाव बनाया तो ठगों ने कहा कि भारत सरकार ने उनकी वेबसाइट को बैन कर दिया है। अब रुपये वापस चाहिए तो 30 लाख रुपये जमा करने पड़ेंगे। उन्होंने घर में किसी को कुछ नहीं बताया और ठगों के जाल में फंसकर उन्होंने कई बार में अलग-अलग खातों से 43.35 लाख रुपये दे दिए। दशहरा के मौके पर जब भाई ने उनसे दो लाख रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहा तो उन्होंने भाई को आपबीती बताई। इसके बाद मामले में साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कराया है।

उन्होंने बताया कि एक अन्य मामले में साइबर अपराधियों ने कौशांबी के रहने वाले संतोष कुमार से 10.60 लाख रुपये ठग लिए। शिकायत में संतोष कुमार ने बताया कि उन्हें एक व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ा गया, जिसमें 170 से ज्यादा सदस्य जुड़े थे और छह एडमिन थे। उन्हें उस ग्रुप में कॉनीफायर ऐप के बारे में बताया कि इसके माध्यम से निवेश करने पर अच्छा रिटर्न मिलेगा। ग्रुप में उनसे करन सिंह नाम के व्यक्ति ने बात की और कहा कि उसे 15 साल का अनुभव है और उसने सालाना 300 प्रतिशत का मुनाफा दिलाने का वादा किया। फिर अलग-अलग लोगों ने उनसे संपर्क किया और ट्रेडिंग के बारे में प्रशिक्षण देना शुरु किया गया। उनसे 50 हजार रुपये से शुरुआत करने की बात कही और बताया गया कि 10 से 15 प्रतिशत का रोजाना रिटर्न मिलेगा। उन्होंने 50 हजार रुपये निवेश किए। वॉलेट में उन्हें मुनाफे के साथ रकम दिखाई गई। धीरे-धीरे उन्होंने 10.60 लाख रुपये निवेश कर दिए। रकम निकालने का प्रयास किया तो ठगों ने हाई ट्रांजेक्शन होने की बात कहकर टाल मटोल किया। इसके बाद और रकम की मांग की। उन्होंने बताया कि दोनों ठगी के मामलों में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुरेश चौधरी