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कहा- चाहने वालों की दुआओं से जिंदा हूं, उनकी वजह से ही बाहर आया हूं अजमेर, 25 अक्टूबर (हि.स.)। हाल ही में अदालत के आदेश पर जेल से बाहर आए समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने कहा कि वे तो उनके चाहने वालों की दुआओं से ही जिंदा जेल से बाहर आए हैं, उनकी दुआओं से ही जिंदा हैं। उन्होंने कहा कि वे जिल्लत की जिंदगी गुजार रहे हैं। वे तो मुर्गी चोर, बकरी चोर, भैंस चोर हैं। 21 साल की सजा मुर्गी चोरी कराने में 36 लाख का जुर्माना। इतने बड़े मुजरिम हैं वें तो। उत्तर प्रदेश सरकार ने तो उन्हें रोज हलवा-पराठा खिलाया है। सपा नेता शनिवार को अजमेर के ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में जियारत के लिए आए थे। भारी भीड़ के बीच उन्होंने दरगाह में मखमली हरी चादर पेश की और सुख शांति की दुआ मांगी। इस दौरान दरगाह में ही अंजुमन के पदाधिकारियों से मुलाकात की। यहां उनकी दस्तारबंदी भी की गई।
आजम खान ने मीडिया के सवालों के जवाब बड़े ही निराश और भारी मन से दिए। उन्होंने कहा कि आज वे अपने चाहने वालों की दुआओं से ही जिंदा हैं और उनकी दुआओं से ही जिंदा जेल से बाहर आए हैं। ये वो लोग हैं जिन्हें वजीरों से काम भी नहीं पड़ता है। वे जो मांगते हैं अल्लाह से मांगते हैं। नेक बंदों से मांगते हैं। उन्होंने कहा कि वे तो बड़े मुजरिम हैं। मुर्गी चोर, बकरी चोर, भैंस चोर हैं। उन्होंने कहा कि 21 साल की सजा मुर्गी चोरी कराने में 36 लाख का जुर्माना। आजम खान ने कहा कि अल्लाह कमजोर बंदों की खैर करे। जालिमों की पनाह करे। मुल्क बर्बाद करने वालों को खाक करे। उन्होंने कहा, हमारा वतन आजाद रहे और हम आजाद रहें। आजम खान भावुक होते हुए बोले की वतन दरो दीवार का नाम नहीं है। वतन यहां रहने वालों की जिंदगी का नाम है। अगर वे खुश हैं तो हम खुश हैं। अगर वे गमजदा हैं तो हम गमजदा हैं। उन्होंने कहा कि वे परेशान हैं। पूरी कोम पूरा मुल्क, कौन परेशान नहीं है। मजदूर से लेकर मालिक तक परेशान हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष