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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (एनबीए) ने उत्तर प्रदेश और सिक्किम की जैव विविधता प्रबंधन समितियों को 18 लाख 30 हजार जारी किए हैं। यह जैविक विविधता अधिनियम, 2002 के अंतर्गत पहुंच और लाभ साझाकरण राशि है।
यह धनराशि संबंधित राज्य जैव विविधता बोर्डों के माध्यम से सीधे दो बीएमसी को हस्तांतरित कर दी गई, जिनमें उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के अकराबाद कौल तालुक स्थित नरराऊ गांव जैव विविधता प्रबंधन समिति और सिक्किम के अरितार में स्थित लाम्पोखरी झील क्षेत्र में स्थित जैव विविधता प्रबंधन समिति शामिल है।
शनिवार को पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से जारी की गई जानकारी के मुताबिक इनमें से
एक कंपनी ने लिग्नोसेल्यूलोसिक बायोमास (पौधों या फसलों से प्राप्त जैविक कचरा) से किण्वनीय यौगिक बनाने के लिए नरराऊ गांव में फसल सामग्री का उपयोग किया। एक अन्य कंपनी ने अनुसंधान के उद्देश्य से लाम्पोखरी झील क्षेत्र से एकत्रित जल और मिट्टी के नमूनों से सूक्ष्मजीवों का उपयोग किया।
एनबीए इन स्थानीय संरक्षकों को जैव विविधता संरक्षण और उनके संसाधनों के सतत प्रबंधन में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए सशक्त बना रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी