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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (हि.स.)। रचनात्मक उद्योग को मजबूती देने के उद्देश्य से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने देशभर में 10 नए भारतीय रचनात्मक प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी) स्थापित करने की घोषणा की है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को यहां पत्रकार वार्ता में बताया कि मुंबई में 400 करोड़ की लागत से देश के पहले आईआईसीटी के भवन का निर्माण शुरू हो गया है। इसी साल अगस्त में 300 छात्रों के पहले बैच की शुरुआत हो गई है। मौजूदा समय में संस्थान का परिचालन मुंबई के पेडर रोड स्थित एनएफडीसी परिसर से शुरू हुआ है। इस इंस्टीट्यूट में तीन महीने से लेकर तीन साल तक के उद्योग-उन्मुख पाठ्यक्रम हैं, जिसका उद्देश्य भारत के बढ़ते मीडिया और मनोरंजन क्षेत्रों के लिए एक कुशल कार्यबल तैयार करना है। उन्होंने बताया कि भारतीय रचनात्मक प्रौद्योगिकी संस्थान एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी के क्षेत्र में कौशल विकास और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया है। मंत्रालय जल्द ही भ्रामक सूचनाओं और खबरों की पहचान के लिए फैक्ट-चेकिंग चैटबॉट विकसित कर रहा है। यह एआई टूल वीडियो और ऑनलाइन सामग्री की प्रामाणिकता जांचेगा, जिसे जल्द ही जारी किया जाएगा। इस टूल से लोग आसानी से सोशल मीडिया पर चल रहे गलत और भ्रामक खबरों की सच्चाई के बारे में जान सकेंगे।सूचना एवं प्रसारण मंत्री वैष्णव ने घोषणा की भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) में 100 से अधिक पीएचडी सीटें शुरू की जाएंगी। यह पार्ट टाईम होगा जिससे वर्किंग जर्नलिस्ट इसका लाभ ले सकेंगे और पत्रकारिता में उन्नत शोध कर सकेंगे। स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सीसीटीवी सहित विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए भारतीय चिपसेट विकसित किए जा रहे हैं।
अगले दो साल में मोबाइल फोन कंपोनेंट्स का पूरी तरह से घरेलू उत्पादन शुरू हो जाएगा। दो सौ करोड़ रुपये का निवेश ऊर्जा-कुशल माइक्रोप्रोसेसरों के विकास के लिए किया जाएगा, जो हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग और सर्वर के लिए उपयोगी होंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी