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चंडीगढ़, 21 अक्टूबर (हि.स.)। प्राइवेट स्कूल संघ ने कहा है कि अगर सरकार निजी स्कूलों द्वारा निर्धारित फीस की अदायगी समय पर करे तो निजी स्कूल संचालक आरटीई के तहत 25 प्रतिशत की बजाय शत प्रतिशत बच्चों को फ्री पढ़ाने के लिए तैयार हैं। आधा सत्र बीत जाने के बाद भी अभी तक दाखिला देने वाले स्कूलों की प्रतिपूर्ति राशि जारी नहीं की गई है।
के प्रदेश अध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने कहा कि हरियाणा नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत प्रारंभिक कक्षा में सभी मान्यता प्राप्त प्राईवेट विद्यालयों में 25 प्रतिशत सीटे गरीब बच्चों के दाखिले के लिए अनिवार्य की गई है। छह महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक आरटीई के तहत दाखिले देने वाले स्कूलों को प्रतिपूर्ति राशि जारी नहीं की गई है और सीटें दिखाने के बाद भी स्कूलों पर जुर्माना लगाया जा रहा है।
प्रांतीय महासचिव पवन राणा सालवन व रणधीर पूनिया टोहाना ने कहा कि 1680 अप्रकाशित सीटों वाले मान्यता प्राप्त स्कूल जिनकी मासिक फीस एक हजार रुपये तक है, उन स्कूलों पर 30 हजार रुपये जुर्माना, तीन हजार तक फीस लेने वाले स्कूलों पर 70 हजार जुर्माना, छह हजार तक फीस लेने पर 100000 रुपये जुर्माना तथा छह हजार से अधिक फीस लेने वाले स्कूल की सूची बनाकर प्रमाण पत्रों सहित सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निदेशालय भेजनी होगी ताकि महानिदेशक मौलिक शिक्षा महोदय द्वारा उन्हें निजी सुनवाई का अवसर मिल सके।
प्रेस सचिव सलिंदर शास्त्री जय सिंगपुरा व राजबीर ढाका रोहतक ने कहा कि 1128 मान्यता प्राप्त स्कूल जिन्हें डीईईओ द्वारा मान्यता व अन्य स्थिति के आधार पर अस्वीकृत किया गया ऐसे एक हजार रुपये तक फीस लेने वाले स्कूलों पर 5000 रुपये जुर्माना, एक हजार से दो हजार रुपये तक फीस लेने वाले स्कूलों पर 10000 रुपये जुर्माना, तीन हजार रुपये तक फीस लेने पर 15000 हजार रुपये जुर्माना तथा पांच हजार रुपये तक फीस लेने वाले स्कूलों की सूची बनाकर प्रमाण पत्रों सहित सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निदेशालय भेजनी होगी ताकि महानिदेशक मौलिक शिक्षा विभाग इन्हें भी निजी सुनवाई का अवसर दे सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा