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जयपुर, 21 अक्टूबर (हि.स.)। जेईसीसी, सीतापुरा में आयोजित 'नव विधान-न्याय की पहचान' प्रदर्शनी का मंगलवार की शाम भव्य समारोह के साथ सफलतापूर्वक समापन हो गया। इस 8 दिवसीय प्रदर्शनी में नए आपराधिक कानूनों की बारीकियों को आधुनिक पुलिस नवाचारों के माध्यम से जनता तक पहुंचाया गया। प्रदर्शनी की कुल डिजिटल और भौतिक पहुँच 1.8 करोड़ से अधिक रही, जो इसकी ऐतिहासिक सफलता को दर्शाती है।
समारोह में गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम मुख्य अतिथि रहे और उनके साथ विशिष्ट अतिथि अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह भास्कर ए. सावंत तथा पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा सहित महानिदेशक आनंद श्रीवास्तव संजय अग्रवाल, मालिनी अग्रवाल, निदेशक आरपीए एवं अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एस. सेंगाथिर अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
न्याय में सुलभता और अपराध पर कठोर प्रहार
मुख्य अतिथि जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि नए कानूनों से न्याय मिलने में सुलभता और समयबद्धता आई है, जिससे अपराधों के ग्राफ में भारी कमी आई है। उन्होंने जोर दिया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पदभार ग्रहण करने के बाद यही प्राथमिकता थी कि राजस्थान अपराध मुक्त बने और अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो। बेढम ने राजस्थान पुलिस की पूरी टीम को बधाई दी कि उन्होंने सिस्टम को अपग्रेड कर अपराध के खिलाफ प्रभावी प्रहार किया है।बेढम ने कहा नए कानून में तकनीकी साक्ष्य पर बल है, जिससे गवाहों के मुकरने की संभावना कम हो जाएगी। उन्होंने विश्वास जताया कि डिजिटल तरीके से साक्ष्य उपलब्ध होने पर अपराधियों को कड़ी सजा मिलेगी और कोई भी अपराधी अब बच नहीं पाएगा।
टेक्नोलॉजी, कनेक्टिविटी और मॉनिटरिंग पर जोर
विशिष्ट अतिथि भास्कर ए. सावंत ने कहा कि एक चुस्त-दुरुस्त आपराधिक न्याय प्रणाली स्थापित करने के लिए टेक्नोलॉजी, कनेक्टिविटी और हार्डवेयर अपग्रेड आवश्यक हैं, जिसमें यूआईटी की अहम भूमिका है। उन्होंने पुलिस को आपराधिक न्याय प्रणाली का सबसे बड़ा स्तंभ बताया और आश्वस्त किया कि तंत्र को मजबूत करने के लिए आने वाले प्रस्तावों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। सावंत ने मॉनिटरिंग की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसके लिए राज्य और जिला स्तर पर सिंपल डैशबोर्ड होना चाहिए ताकि तंत्र की प्रभावशीलता सुनिश्चित की जा सके।
शताब्दी का सबसे बड़ा परिवर्तन और नई शुरुआत
पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा ने प्रदर्शनी को शताब्दी का सबसे बड़ा परिवर्तन बताया, जो औपनिवेशिक कानून को बदलकर देश को अपने लोगों द्वारा बनाए गए कानून दे रहा है। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी इस बदलाव के पीछे की सोच को दर्शाती है। डीजीपी ने पुलिसकर्मियों की सराहना की कि उन्होंने ऑनलाइन माध्यम से भी जुड़कर नए कानून की बारीकियों को समझा। उन्होंने जोर दिया कि यह समापन नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है, जिसमें पुलिस पारदर्शिता और तकनीक का इस्तेमाल कर लोगों को त्वरित और बेहतर न्याय दिलाना सुनिश्चित करेगी। शर्मा ने 'राजस्थान पुलिस सेवार्थ कटिबद्धता' का संकल्प दोहराया।
आरंभ में आरपीए निदेशक एडीजीपी एस सेंगाथिर ने स्वागत उद्बोधन देते हुए प्रदर्शनी की विषयवस्तु और उपलब्धियों के बारे में बताया।
'नव विधान-न्याय की पहचान' प्रदर्शनी ने जेईसीसी में रचा इतिहास: रिकॉर्ड 2 लाख सहभागिता
जेईसीसी सीतापुरा में आयोजित 'नव विधान -न्याय की पहचान' प्रदर्शनी देश में लागू हुए तीन नए आपराधिक कानूनों की समझ को आधुनिक पुलिस नवाचारों के माध्यम से जनता तक पहुंचाने का एक सफल मंच बनी। जिसमें भौतिक और ऑनलाइन माध्यम से 1.67 करोड़ से अधिक लोगों की रिकॉर्ड-तोड़ भागीदारी दर्ज की गई।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एवं राजस्थान पुलिस अकादमी के निदेशक एस. सेंगाथिर ने प्रदर्शनी का उद्घाटन 13 अक्टूबर को केंद्रीय गृह एव सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा जेईसीसी में किया गया था। उद्घाटन समारोह में भौतिक रूप से 15 हजार और ऑनलाइन माध्यम से 1.25 लाख लोगों ने भाग लिया।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एवं राजस्थान पुलिस अकादमी के निदेशक एस. सेंगाथिर ने आठ दिनों तक चली मुख्य प्रदर्शनी (14 अक्टूबर से 21 अक्टूबर) में करीब 58 हजार लोगों ने भौतिक रूप से अवलोकन किया। इसमें 14,000 शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधि, 13,200 व्यावसायिक-सोश्यल समूह एवं सरकारी कर्मचारी, 2,700 सीएलजी-सुरक्षा सखी सदस्य और 11800 पुलिसकर्मी शामिल थे। प्रदर्शनी की महत्ता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 22 उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, 140 एपीपी/वकीलों और 170 डॉक्टरों सहित 550 विशेष अतिथियों ने भी इसे देखा।
प्रदर्शनी की पहुँच केवल भौतिक परिसर तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी इसने धूम मचाई। विभिन्न हैंडल्स से कुल 200 पोस्ट किए गए, जिन्होंने 16.7 मिलियन (1.67 करोड़) से अधिक व्यूज प्राप्त किए। इनमें इंस्टाग्राम पर 7 मिलियन, फेसबुक पर 5.2 मिलियन, ट्विटर पर 2.8 मिलियन और यूट्यूब पर 1.7 मिलियन व्यूज शामिल हैं, जो इसकी व्यापक सफलता को दर्शाते हैं।
प्रदर्शनी का एक प्रमुख आकर्षण आधुनिक पुलिस तकनीक और सिमुलेटर रहे, जिन्होंने आगंतुकों को पुलिस प्रशिक्षण का सीधा अनुभव दिया। पुलिसकर्मी और आमजन दोनों ही इन उपकरणों के उपयोग को लेकर काफी उत्साहित थे। फायरिंग सिमुलेटर पर लगभग 16 हजार लोगों ने अभ्यास किया, जबकि वाहन सिमुलेटर का अनुभव लगभग 8 हजार लोगों ने लिया। इसके अलावा पुलिस कार्यप्रणाली से संबंधित क्विज प्रतियोगिताओं में 18 हजार लोगों ने भाग लिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश