संभल हिंसा : पुलिस ने 11 महीने बाद एक नामजद आरोपित को किया गिरफ्तार
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संभल, 17 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के संभल कोतवाली पुलिस ने शाही जामा के दूसरे सर्वे के दौरान हुई हिंसा के दौरान दरोगा की पिस्टल-मैगजीन, पुलिसकर्मियों से कारतूस-टियर गैस सेल लूटने के आरोपी को 11 महीने बाद गिरफ्तार किया।

संभल हिंसा मामले में पुलिस ने 11 महीने बाद एक नामजद आरोपित वसीम को गिरफ्तार किया है। उस पर दरोगा की पिस्टल की मैगजीन और पुलिसकर्मियों से कारतूस व टियर गैस सेल लूटने का आरोप है। पुलिस ने अभियुक्त को जेल भेज दिया है।

संभल कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार को वसीम को कोट गर्वी से गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी 24 नवंबर को विवादित स्थल के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के संबंध में हुई है। इंस्पेक्टर गजेंद्र सिंह ने बताया कि वसीम दरोगा संजीव कुमार द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में नामजद था।

संभल कोतवाली में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार वसीम दरोगा संजीव कुमार की पिस्टल की मैगजीन लूटने का आरोपित है। इसके अतिरिक्त, उस पर सिपाही कपिल कुमार के बैग से 29 टियर स्मोक सेल, सिपाही पंकज कुमार के बैग से 25 ब्लैंक कारतूस और 25 रबर बुलेट, तथा सिपाही राजपाल के बैग से 15 राउंड 12 बोर कारतूस लूटने का भी आरोप है।

इस गिरफ्तारी के साथ ही संभल हिंसा मामले में कुल गिरफ्तारियों की संख्या 103 हो गई है। इससे पहले पुलिस ने तीन हत्यारोपियों, तीन महिलाओं और एक मस्जिद सदर सहित 102 उपद्रवियों गिरफ्तार कर जेल भेजा था। हालांकि, जफर अली को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद 1 अगस्त को जेल से रिहा कर दिया गया था।

संभल हिंसा के मुख्य आरोपी शारिक साटा के सहयोगी मुल्ला अफरोज पर रासुका लगाई गई है। वारिस और गुलाम पर भी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। पुलिस के अनुसार, शारिक साटा ने विदेश में बैठकर घटना की साजिश रची थी, और उसे इंटरपोल की मदद से भारत लाने की तैयारी की जा रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / Nitin Sagar