Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
मुरैना, 18 अक्टूबर (हि.स.)। दीपावली से 2 दिन पूर्व धन्वंतरि जयंती एवं धनतेरस पर शुभ मंगल योग में खरीदारी के लिए शनिवार को दोपहर से ही बाजारों में भीड़ उभरने लगी और हर सेक्टर में जमकर खरीदारी हुईं इलेक्ट्रॉनिक आइटम बिजली के आइटम के अलावा गिफ्ट सेंटर पर सजावट की वस्तुओं को खरीदने तो वही सराफा बाजार में ज्वेलर्स की दुकानों पर देर दोपहर के बाद सोना चांदी के अलावा अन्य वस्तुओं की खरीदारी के लिए महिला पुरुषों की भारी भीड़ देखने को मिली, जिसके कारण शहर के बाजारों में रास्ते जाम हो गए। धनतेरस की खरीदारी को देखते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा जगह-जगह पुलिस तैनात की गई थी लेकिन इसके बावजूद भी व्यवस्थाएं संभालते नहीं दिखाई दी और यातायात व्यवस्था पूरी तरह प्रभावित रही।
धनतेरस पर खरीदारी को शुभ बताया जाता है इसके कारण सोना-चांदी एवं बर्तनों की दुकानों पर देर रात्रि तक बाजारों में चहल-पहल रही। वहीं महिलाओं व बच्चों की भीड़ कपड़े की दुकान व घर को सजाने के लिये गुलदस्ते व रंगबिरंगी रंगोली सजाने के लिये रंग व तरह-तरह के आइटम खरीदते नजर आये। सुबह से ही धनतेरस के अवसर पर शहर के मुख्य बाजारों हनुमान चौराहा, लोहिया बाजार, सदर बाजार, सिकरवारी बाजार, शंकर बाजार, झण्डा चौक, पंसारी बाजार, स्टेशन रोड पर काफी तादाद में भीड़ देखी गई। सुबह से ही बर्तनों की दुकानों, सर्राफे बाजार में अत्यधिक भीड़ देखी गई।
हिन्दू मान्यता के अनुसार धनतेरस के दिन हर व्यक्ति कुछ न कुछ जरूर खरीदता है, जिसके कारण शनिवार को दिन भर बर्तन व सर्राफा व्यापारियों के यहां काफी भीड़ देखने को मिली। सुबह से ही खरीदी का सिलसिला शुरू हो गया जो देर रात तक चलता रहा। हजारों लोग अपने बजट के अनुसार इन बाजारों में खरीददारी करने पहुंचे। कोई सोना-चांदी तो कोई बर्तन तो कोई कपड़े, तो कोई वाहन तो कोई प्रोपर्टी, इलेक्ट्रोनिक उपकरण खरीदता नजर आया।
धनतेरस को भगवान धन्वंतरि की विशेष पूजा की जाती है। पुराणों में लिखी कथा के अनुसार देवताओं व दैत्यों ने जब समुद्र मंथन किया तो उसमें कई रत्न निकले। समुद्र मंथन के पश्चात भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए। उसी दिन कार्तिक मास के कृष्णा पक्ष की त्रयोदशी भी थी। इसलिए तब से इस तिथि को भगवान धन्वतंरि का प्रकोत्सव मनाया जाने का चलन प्रारंभ हुआ। पुराणों में धन्वतंरि को भगवान विष्णु का अंशावतार माना गया है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / राजू विश्वकर्मा