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जबलपुर, 18 अक्टूबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश की
संस्कारधानी में आज शनिवार को धनतेरस के अवसर पर भगवान धन्वंतरि का पूजन विधि विधान से किया गया। भारतीय जनता पार्टी व्यापारी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक शरद अग्रवाल के नेतृत्व में सावित्री सदन में धनवंतरि जयंती मनाते हुए निरोगी काया रखने के लिए आयुर्वेद अपनाने का संकल्प लिया गया।
शरद अग्रवाल ने बताया कि भगवान धन्वंतरि पहला सुख निरोगी काया का अमृत कलश लेकर समुद्र मंथन से उत्पन्न हुए थे। धन्वंतरी जयंती पर 78 वर्षों से लगातार सावित्री सदन में मनाई जाती है इस अवसर पर शहर के जाने-माने आयुर्वेदाचार्य एवं वैद्य उपस्थित रहते हैं।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेवा निविर्त्त हाईकोर्ट जस्टिस श्रवण शंकर झा एवं शरद चंद्र शुक्ला के सानिध्य में भगवान धन्वंतरि का पूजन अर्चन के बाद सम्मान समारोह आयोजित किया गया। मौके पर उपस्थित वैद्यों ने कहा कि प्राचीन काल से ही भारत में आयुर्वेद पद्धति प्रचलित रहिए इसके चलते न केवल भारत बल्कि विश्व में आयुर्वेद की पहचान बनी आज भी जटिल से जटिल बीमारी का इलाज आयुर्वेद में है। कोरोना जैसी महामारी में भी सफल इलाज हुआ।
आयुर्वेद की सेवा कर रहे वैद्यों को धनवंतरी बाबा सम्मान दिया गया। शासकीय सेवा से निवृत वैद्य शरदचन्द्र शुक्ला को सम्मानित किया। राज सागरी उदय भान तिवारी ने कविताओं भजन का गायन किया। आभार प्रदर्शन करते हुए वैद्य सुधीर अग्रवाल ने बताया 24 अवतारों में से एक भगवान धन्वंतरी महाराज जी का 12 वां अवतार है जो अंतिम दिवस धनतेरस के दिन हाथ में कलश लेकर मंथन के समय समुद्र से निकले थे।
लगातार 40 वर्षों से संघ के वरिष्ठ प्रचारक बाला साहब सिरपुरकर जी का हर वर्ष आना होता था ब्रह्मलीन होने पर उन्हें सभी ने आज स्मरण किया। इस अवसर पर वैद्य रविंद्र गर्ग, मुन्ना पांडे, शीर्ष, स्पर्श, संस्कार, सुरेश गोयल, उमेश विश्वकर्मा, ध्रुव यादव, सचिन अग्रवाल उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक