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-हरियाणा सरकार ने जारी किए नए दिशा-निर्देश,हर वर्ष वित्तीय स्थिति के मूल्यांकन के बाद तय होगी राशि
चंडीगढ़, 15 अक्टूबर (हि.स.)। हरियाणा सरकार ने राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को दी जाने वाली चिकित्सा प्रतिपूर्ति व्यवस्था में समानता लाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने इस संबंध में सभी बोर्ड, निगम, कंपनियों, सहकारी संस्थाओं और स्वायत्त निकायों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने इस संदर्भ में सभी संबंधित संस्थाओं को पत्र जारी कर इस नई एकरूप नीति को लागू करने के निर्देश दिए हैं। नए निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक राज्य पीएसयू अपनी वित्तीय स्थिति का वार्षिक मूल्यांकन करेगा। इस मूल्यांकन के आधार पर, संबंधित उपक्रम के निदेशक मंडल और सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति से उस वित्त वर्ष के लिए सेवानिवृत्त कर्मचारियों को दी जाने वाली चिकित्सा प्रतिपूर्ति की राशि तय की जाएगी।
इस खर्च का वहन संबंधित उपक्रम स्वयं करेगा। निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह वित्तीय स्वायत्तता केवल सेवानिवृत्त कर्मचारियों की चिकित्सा प्रतिपूर्ति सुविधा तक ही सीमित रहेगी। अन्य सभी वित्तीय मामलों में वित्त विभाग द्वारा 19 सितंबर, 2024 को जारी निर्देशों का पालन अनिवार्य होगा।
राज्य सरकार के संज्ञान में यह बात आई थी कि विभिन्न पीएसयू अपने स्तर पर अलग-अलग प्रावधानों के तहत ईपीएफ अथवा सीआरपीएफ के अंतर्गत आने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति दे रहे थे। इन भिन्न प्रथाओं के कारण संस्थानों में असमानता की स्थिति बन रही थी।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा