फ्रंटियर हाईवे परियोजना मुआवज़ा वितरण में भ्रष्टाचार का आरोप
फ्रंटियर हाईवे परियोजना मुआवज़ा वितरण में भ्रष्टाचार का आरोप


इटानगर, 15 अक्टूबर (हि.स.)। अरुणाचल प्रदेश के सामाजिक कार्यकर्ता सोल डोडम ने आरोप लगाया है कि उनके अनुसार, पूर्वी कामेंग और बिचुम जिले के लाडा-सरली पैकेज (1 से 5) फ्रंटियर हाईवे परियोजना में मुआवज़ा वितरण के नाम पर लगभग 130 करोड़ रुपये का दुरुपयोग किया जा रहा है।

पूर्वी कामेंग में लाडा-सरली फ्रंटियर हाईवे परियोजना के पैकेज IV और V के हालिया पुनर्सत्यापन पर प्रकाश डालते हुए, सामाजिक कार्यकर्ता सोल डोडम ने बताया कि मौके पर पुनर्सत्यापन के दौरान टीम को कई खामियां और अनियमितताएं मिलीं। रिपोर्टों से पता चलता है कि कथित तौर पर गैर-मौजूद संपत्तियों के लिए सरकारी मुआवज़े का धोखाधड़ी से दावा करने के लिए नकली ढांचे बनाए गए हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब इसलिए हुआ, क्योंकि पूर्वी कामेंग के उपायुक्त और डीएलआरएसओ ने उचित सर्वेक्षण और मौके पर सत्यापन किए बिना ही मुआवज़ा सूची तैयार कर ली थी। पुनर्सत्यापन के दौरान डीसी और डीएलआरएसओ पर उनके मुआवज़े के आकलन को लेकर कई सवाल उठे, लेकिन राज्य सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

इस सीमांत राजमार्ग परियोजना में मुआवज़े के वितरण में स्पष्ट खामियां रही हैं कहते हुए, वितरण प्रक्रिया में विसंगतियों पर गहरी चिंता व्यक्त की, भुगतान दरों में भिन्नताओं पर प्रकाश डालते हुए, जैसे कि समान वर्ग मीटर भूमि के लिए, कुछ लोगों को दूसरों की तुलना में कम राशि मिली।

उन्होंने कहा, अभी और भ्रष्टाचार उजागर होना बाकी है। उन्होंने बताया कि पैकेज 3, 2 और 1 का अधिकारियों द्वारा पुनः सत्यापन किया जाना बाकी है। इस पर पुनः सत्यापन किये जाए तो करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार उजागर होंगे।

इस करोड़ों रुपये के मुआवज़ा घोटाले में संलिप्तता का आरोप लगाते हुए, डीसी और डीएलआरएसओ, सेप्पा की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। करोड़ों रुपये के सड़क घोटाले की सीबीआई और ईडी से उचित जांच की भी मांग की।

डोडम ने जोर देकर कहा, अगर इन अधिकारियों और इस भ्रष्टाचार में शामिल अन्य लोगों को जल्द से जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया, तो हम जिले और राज्य की राजधानी में गहन लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन करेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / तागू निन्गी