निषेधाज्ञा उल्लंघन मामले में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुईं अलका लांबा
राऊज एवेन्यू कोर्ट, दिल्ली


नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (हि.स.)। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में बुधवार काे 2024 में महिला आरक्षण के मामले पर निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने के मामले में कांग्रेस नेत्री अलका लांबा पेश हुईं। कोर्ट ने आदेश के बाद दिल्ली पुलिस ने अलका लांबा के वकील को चार्जशीट की प्रति पेन ड्राईव में उपलब्ध कराई। एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने अलका लांबा के खिलाफ आरोप तय करने पर अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को करने का आदेश दिया।

सुनवाई के दौरान अलका लांबा आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश हुईं। कोर्ट ने अलका लांबा की ओर से पेश वकील एमजेड खान को चार्जशीट की प्रति उपलब्ध कराने का आदेश दिया। कोर्ट ने 20 अगस्त को दिल्ली पुलिस की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए अलका लांबा को समन जारी किया था। कोर्ट ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 221, 223(ए), 132 और 285 के तहत संज्ञान लिया था।

मामला 29 जुलाई, 2024 को जंतर-मंतर पर महिला कांग्रेस का महिला आरक्षण को लेकर प्रदर्शन था। उस प्रदर्शन में मुख्य वक्ता अलका लांबा थीं। दिल्ली पुलिस ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा का आदेश जारी किया था। अलका लांबा पर आरोप है कि उन्होंने निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए करीब डेढ़ बजे दूसरे प्रदर्शनकारियों के साथ टालस्टाय मार्ग पर लगे बैरिकेड पर पहुंचीं और नारेबाजी करने लगीं। वे संसद का घेराव करने पर आमादा थे। मौके पर मौजूद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने लाउडस्पीकर से निषेधाज्ञा के बारे में प्रदर्शनकारियों को जानकारी दी और प्रदर्शन खत्म करने की चेतावनी दी।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, अलका लांबा और उनके समर्थकों ने महिला और पुरुष पुलिसकर्मियों को धक्का देकर बैरिकेड को पार किया और कुछ प्रदर्शनकारियों ने संसद मार्ग रोड को जाम कर दिया। पुलिस के काफी समझाने के बाद भी अलका लांबा और दूसरे समर्थक वहां से नहीं हटे जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर दिया। उसके बाद सब-इंस्पेक्टर अनीता सिंह के बयान पर अलका लांबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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हिन्दुस्थान समाचार / अमरेश द्विवेदी