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बलरामपुर, 15 अक्टूबर (हि.स.)। विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय में आने वाले पहाड़ी कोरवा अपनी विलक्षण संस्कृति और सरल स्वाभाव के लिए प्रसिद्ध हैं। इस जनजाति के लोग पहाड़ी क्षेत्रों पर दूर-दूर अपने घर बनाकर निवास करते हैं। परन्तु दुर्गम ऊंचे पहाड़ों में निवासरत लोग अब शासकीय योजनाओं का लाभ आसानी ले पा रहे हैं। पहाड़ी कोरवाओं को शासकीय जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिले इस हेतु प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना लायी गई। पहाड़ी कोरवा जनजातियों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के नए द्वार खुल गए हैं।
मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजनाएं जन-जन तक पहुँच रही है। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में सुदूर पहाड़ी कोरवा गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार से बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो रही है। कोरवा परिवार अब सरकारी योजनाओं के तहत चिकित्सा सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं। पहले बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं से दूर रहने वाले पहाड़ी कोरवा समुदाय अब स्वास्थ्य शिविरों और मोबाइल मेडिकल यूनिट से जुड़ रहे हैं। जहां ब्लड प्रेशर, शुगर, हीमोग्लोबिन, मलेरिया जांच जैसी सेवाएँ निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है।
381 शिविर से 26 हजार 498 पहाड़ी कोरवा लाभान्वित
जिले में पहाड़ी कोरवा की संख्या 19 हजार 744 है। पहाड़ी कोरवा क्षेत्रों में 99 शिविर आयोजित कर 2 हजार 972 महिलाओं को लाभ दिया गया। इस वित्तीय वर्ष में इन क्षेत्रों में एमएमयू के माध्यम से 381 शिविर आयोजित कर 26 हजार 498 पहाड़ी कोरवाओं को लाभान्वित किया गया। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना अंतर्गत 19 हजार 179 पहाड़ी कोरवा परिवारों का आयुष्मान कार्ड बनाया जा चुका है, जो निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा का लाभ ले रहे हैं।
पहाड़ी कोरवा बच्चों में कुपोषण और एनीमिया को दूर करने स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्रों में नियमित जांच की जा रही है, जिसमें बच्चों की जांच कर चिन्हांकित बच्चों को बेहतर पूरक पोषण आहार एवं उपचार उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधा हेतु आपातकालीन चिकित्सा वाहन की सुगम सुविधा प्राप्त हो रही है। जिससे सर्पदंश, आकस्मिक दुर्घटना, मातृत्व स्वास्थ्य जैसी दशाओं में तुरन्त स्वास्थ्य सुविधाएं उनके दरवाजे पर ही उपलब्ध हो रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय