“मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम रोगी की गरिमा हेतू ज़िम्मेदारी — न्यायमूर्ति सूर्यकांत शिंदे
मुंबई,12 अक्टूबर ( हि.स.) मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम 2017 केवल एक सरकारी दस्तावेज़ नहीं है, बल्कि प्रत्येक रोगी की गरिमा से जुड़ा एक मानवीय दायित्व है। मानसिक रूप से बीमार लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा करना और उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन जीने में सक्षम
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