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-अहमदाबाद रथयात्रा- अजर्नी ऑफ मिरेकल पुस्तक का विमोचन
-सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी संजय श्रीवास्तव लिखित पुस्तक सीएम ने किया अनावरण
गांधीनगर, 02 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अहमदाबाद रथयात्रा- अजर्नी ऑफ मिरेकल पुस्तक का मंगलवार को गांधीनगर में अनावरण किया। सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और अहमदाबाद शहर के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय श्रीवास्तव द्वारा लिखित और कमलेश आचार्य एवं रेखा श्रीवास्तव द्वारा सहलिखित इस पुस्तक के अनावरण समारोह में गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी तथा अहमदाबाद स्थित जगन्नाथ मंदिर के महंत दिलीपदास महाराज की उपस्थित रही।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने समारोह में कहा कि आने वाली पीढ़ी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व कर सके, ऐसे अनेक उदाहरण इस पुस्तक से मिलेंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नई पीढ़ी के लिए यह पुस्तक हमारी वर्षों से आयोजित होने वाली सांस्कृतिक विरासत समान रथयात्रा को समझने का उत्तम दस्तावेज सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकास एवं विरासत को साथ लेकर चलने की बात की है। हम चाहे जितना विकास करें, परंतु संस्कृति एवं विरासत से रहित विकास निरर्थक है। इसीलिए प्रधानमंत्री ने ‘विरासत भी-विकास भी’ का मंत्र हमें दिया है। पटेल ने कहा कि वर्षों से रथयात्रा सभी के सामूहिक प्रयासों से निर्विघ्न रूप से आयोजित होती है। यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। यह पुस्तक सामूहिक प्रयास एवं मैनेजमेंट के उत्तम उदाहरण समान इस रथयात्रा से नई पीढ़ी में प्रभु जगन्नाथ के प्रति आस्था को और दृढ़ बनाने के अनेक उदाहरणों से अवगत कराएगी। उन्होंने इस पुस्तक के प्रसंगों एवं चमत्कारों को जगत का संचालन करने वाली ईश्वरीय शक्ति पर श्रद्धा तथा आस्था को प्रबल बनाने वाले बताया।
रथयात्रा नागरिकों की आस्था तथा व्यवस्था का केन्द्र : संघवी
इस अवसर पर गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि प्रति वर्ष अहमदाबाद में आयोजित होने वाली भगवान जगन्नाथजी की रथयात्रा नागरिकों की आस्था तथा व्यवस्था का केन्द्र है। यह पुस्तक रथयात्री की आस्था एवं व्यवस्था को दर्शाने वाली एक प्रेरणादायी पुस्तक है। अहमदाबाद में रथयात्रा के दौरान लाखों की संख्या में छोटे बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्ग नागरिक भगवान जगन्नाथजी के दर्शन का लाभ उठाने के लिए आते हैं। यह लोगों की आस्था है, परंतु ऐसे समय में कानून-व्यवस्था, सुरक्षा, शांति के लिए पुलिस प्रशासन मुस्तैद रहता है। यह राज्य सरकार की व्यवस्था है।
संघवी ने अहमदाबाद रथयात्रा पुस्तक के एक अध्याय का उल्लेख करते हुए कहा कि पुस्तक में लिखित तथा रथयात्रा से जुड़ी वसंत-रजब की कहानी सच्चे अर्थ में मानव धर्म का प्रतीक है। रथयात्रा में प्रत्येक समाज का योगदान बढ़ाने और शहर में शांति-सुरक्षा के वातावरण का निर्णय करने के लिए राज्य सरकार द्वारा ह्यूमन इंटेलिजेंस के साथ सोशल पुलिसिंग के प्रयास भी किए जा रहे हैं। उन्होंने पुस्तक के लिए लेखकों को अभिनंदन भी दिया।
श्री जगन्नाथ मंदिर-अहमदाबाद के महामंडलेश्वर दिलीपदासजी गुरु रामेश्वरदासजी ने अपने प्रासंगिक संबोधन में लेखकों को अभिनंदन दिया। पुस्तक के लेखक संजय श्रीवास्तव ने सबका स्वागत करते हुए पुस्तक की विस्तार से रूपरेखा दी। कमलेश आचार्य ने पुस्तक के कुछ अंश लोगों के समक्ष प्रस्तुत किए, जबकि रेखा श्रीवास्तव ने आभार व्यक्त किया।
इस कार्यक्रम के दौरान गोस्वामी-हवेली असारवा बैठक के गोस्वामी मधुसूदन( तिलक बावा), श्री जगन्नाथ मंदिर-अहमदाबाद के ट्रस्टी महेन्द्रभाई झा तथा गीतिका सहगल सहित विभिन्न महानुभाव एवं लोग उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/बिनोद/आकाश