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रांची, 10 जुलाई (हि.स.)। झारखंड हाई काेर्ट में राज्य की तत्कालीन रघुवर सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2016 में राज्य स्थापना दिवस पर टी-शर्ट और टॉफी बांटने से संबंधित पंकज कुमार की जनहित याचिका की सुनवाई बुधवार काे हुई। मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार से एंटी करप्शन ब्यूरो में दर्ज पीई (प्रारंभिक जांच) की रिपोर्ट और झारखंड के प्रधान महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट मांगी है।
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि इस मामले में फाइनेंशियल लॉस नहीं हुआ है। इससे पूर्व याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव कुमार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने फरवरी 2022 में पीई दर्ज की थी। सरकार कहती है कि पीई जांच पूरा कर लिया गया है। ऐसे में इसे कोर्ट के समक्ष लाया जाना चाहिए। मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी।
वर्ष 2016 में स्थापना दिवस समारोह के पहले 13-14 नवंबर, 2016 को सरकारी स्कूली बच्चों को बांटने के लिए साढ़े तीन करोड़ की टी-शर्ट और 33 लाख रुपये की टॉफी खरीदी की गयी। इसके अगले दिन ही 15 नवंबर को राज्यभर के 10 हजार स्कूलों में बच्चों के बीच इसका वितरण कर दिया गया। याचिकाकर्ता ने याचिका दाखिल कर इस पर सवाल उठाया है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि वर्ष 2016 में स्थापना दिवस समारोह के लिए 10 करोड़ रुपये स्वीकृत हुआ था, जिसमें से साढ़े तीन करोड़ की टी शर्ट और 33 लाख रुपये से टॉफी खरीदी गयी थी। लल्ला इंटरप्राइजेज जमशेदपुर और कुदू फैबरिक्स को आपूर्ति का काम मिला था। टी-शर्ट और टॉफी की आपूर्ति उन्होंने 13-14 नवंबर, 2016 को की। इसके अगले दिन ही इसे राज्यभर के 10 हजार स्कूलों के बच्चों में बांट देना सत्यता की कसौटी पर खरा नहीं उतरता। इसकी जांच करायी जानी चाहिए।
समरससमरससमरस
हिन्दुस्थान समाचार / शारदा वन्दना / चन्द्र प्रकाश सिंह