पीएम गतिशक्ति के तहत एनपीजी ने पांच प्रमुख परियोजनाओं का किया मूल्यांकन
नई दिल्‍ली, 10 जुलाई (हि.स.)। पीएम गतिशक्ति के तहत नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) की यहां आयोजित 74वीं बैठक में पांच प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का मूल्यांकन किया गया। इस बैठक में एनपीजी ने सड़क, रेल और शहरी परिवहन परियोजनाओं का मूल्यांकन किया।
वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय के लोगो का फाइल फोटो


नई दिल्‍ली, 10 जुलाई (हि.स.)। पीएम गतिशक्ति के तहत नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) की यहां आयोजित 74वीं बैठक में पांच प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का मूल्यांकन किया गया। इस बैठक में एनपीजी ने सड़क, रेल और शहरी परिवहन परियोजनाओं का मूल्यांकन किया।

वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा कि पीएम गतिशक्ति के तहत नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप की 74वीं बैठक मंगलवार को नई दिल्ली में उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के अतिरिक्त सचिव राजीव सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में रेल मंत्रालय, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की पांच महत्‍वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के मूल्यांकन पर ध्यान केंद्रित किया गया। इन परियोजनाओं का मूल्यांकन पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान में उल्लिखित एकीकृत योजना के सिद्धांतों के साथ उनके संरेखण के लिए किया गया है।

मंत्रालय के मुता‍बिक इनमें पहला परियोजना ओडिशा में बलराम-तेनतुलोई नई रेलवे लाइन (एमसीआरएल चरण II) है। इस ग्रीनफील्ड परियोजना में 11 कोयला ब्लॉकों के लिए महत्वपूर्ण फर्स्ट-माइल रेल संपर्क प्रदान करने के लिए अंगुल जिले में 1,404 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 49.58 किलोमीटर रेल लाइन का निर्माण कार्य शामिल है। दूसरा ओडिशा में बुधपंक-लुबुरी नई रेलवे लाइन (एमसीआरएल आउटर कॉरिडोर) है। यह 106 किलोमीटर तक फैली यह ग्रीनफील्ड रेल लाइन, जिसकी अनुमानित परियोजना लागत 3,478 करोड़ रुपये है, महानदी नदी बेसिन से कुशल कोयला निकासी में सहायता करेगी।

तीसरी प्रमुख परियोजना उत्तर प्रदेश में लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना चरण I-B पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर (चारबाग से वसंत कुंज) है। इस परियोजना पर 5,801 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है और इसका उद्देश्य एक एकीकृत नेटवर्क के माध्यम से भीड़भाड़, वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करना और सार्वजनिक परिवहन की पहुंच को बढ़ाना है। इसके बाद गुजरात में एनएच-47 (नारोल जंक्शन से सरखेज जंक्शन) के एलिवेटेड कॉरिडोर सहित मौजूदा 6 लेन वाली सड़क का उन्नयन परियोजना है। इस ब्राउनफील्ड परियोजना की अनुमानित लागत 1,295 करोड़ रुपये है।

इसके अलावा महाराष्ट्र में चोकक से सांगली (अंकाली) तक एनएच-166 के खंड को 4-लेन किया जाना है। इस परियोजना में एनएच-166 के 33.6 किलोमीटर लंबे हिस्से को चार-लेन किया जाना शामिल है, जिसकी अनुमानित लागत 864 करोड़ रुपये है। नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप ने पीएम गतिशक्ति के सिद्धांतों के परिप्रेक्ष्य में सभी परियोजनाओं का मूल्यांकन किया है। इन परियोजनाओं से राष्ट्र निर्माण, परिवहन के विभिन्न साधनों को एकीकृत करने और पर्याप्त सामाजिक-आर्थिक लाभ और जीवन को आसान बनाने में अहम भूमिका निभाने की उम्मीद है, जिससे क्षेत्रों के समग्र विकास में योगदान मिलेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर / पवन कुमार श्रीवास्तव