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काठमांडू , 23 जून (हि.स.)। दो दिन पहले नेपाल सरकार द्वारा सिफारिश किए गए 8 राजदूतों में से एक ने यह पद लेने से इंकार कर दिया है। दक्षिण कोरिया के लिए राजदूत नियुक्त किए गए सुशील प्याकुरेल ने सरकार की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए पद को ठुकराने की बात कही है।
प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचंड’ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में भारत, अमेरिका, यूके, इजराइल, दक्षिण कोरिया सहित आठ देशों में राजदूत नियुक्ति की सिफारिश करने का फैसला लिया गया था। इनमें से दक्षिण कोरिया के लिए राजदूत नियुक्त किए गए सुशील प्याकुरेल ने सरकार से इस सिफारिश को वापस लेने का अनुरोध किया है। प्याकुरेल पूर्व राष्ट्रपति विद्या भंडारी के प्रमुख सलाहकार रह चुके हैं तथा मानवाधिकार संबंधी गैर सरकारी संगठन से जुड़े हैं।
सुशील प्याकुरेल ने प्रधानमंत्री प्रचंड को भेजे पत्र में लिखा है कि बिना उनसे संपर्क और सलाह के ही उनकी नियुक्ति की गई है, जो सही नहीं है। सरकार की तरफ से राजदूत पद के लिए सिफारिश की प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने लिखा है कि बिना किसी योग्यता और क्षमता के तथा बिना संबंधित देश की राजनीतिक भौगोलिक, आर्थिक, भूराजनीतिक ज्ञान के किसी भी व्यक्ति को उस देश में सिर्फ राजनीतिक आस्था के आधार पर भेजना ठीक नहीं है।
नेपाल सरकार ने दो दिन पहले आठ राजदूतों में से एमाले पार्टी को 5, माओवादी के कोटे से 1, जनता समाजवादी पार्टी के कोटे से 2 राजदूतों की नियुक्तियां की गई थी।
हिन्दुस्थान समाचार/पंकज दास/सुनीत