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जयपुर, 15 मई (हि.स.)। शहर के पारिवारिक न्यायालय-तीन ने एक मामले में पति-पत्नी की 12 साल पुरानी शादी का 10 दिन में तलाक मंजूर करते हुए दोनों की सहमति से तलाक की डिक्री पारित कर दी है। न्यायालय के पीठासीन अधिकारी अजय शुक्ला ने फैसले में कहा कि दोनों के बीच समझौता वार्ता विफल रही है और दोनों ने साथ रहने से भी मना कर दिया है। ऐसे में दोनों की आपसी सहमति के आधार पर तलाक मंजूर किया जाना उचित होगा।
मामले से जुडे अधिवक्ता सुनील शर्मा व गौरव सिंघल ने बताया कि तलाक की डिक्री होने पर निजी कंपनी में कार्यरत पति ने अपनी पत्नी व बेटी को भी भरण-पोषण के लिए 3 करोड रुपए की राशि दी है। इस राशि में से दो करोड रुपए पत्नी और एक करोड रुपए बेटी को दिए हैं। दोनों ने हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत न्यायालय में आपसी सहमति से तलाक लेने के लिए प्रार्थना पत्र दायर किया था। इसमें कहा था कि उनकी शादी हिन्दू रीति रिवाज से 2 अप्रैल 2010 को हुई थी और इससे उनके एक बेटी भी हुई, लेकिन विवाह के बाद से उनके बीच वैचारिक मतभेद शुरू हो गए और उनका भविष्य में साथ रहना संभव नहीं हुआ। जिसके चलते वे दोनों एक दूसरे से 30 मई 2022 से अलग-अलग रहने लगे।
हिन्दुस्थान समाचार/ पारीक/ईश्वर