पतंजलि आयुर्वेद के 14 प्रोडक्ट्स बनाने के लाइसेंस पर उत्तराखंड में बैन
नई दिल्ली, 29 अप्रैल (हि.स.)। देश की सर्वोच्च न्यायालय की फटकार के बाद उत्तराखंड सरकार से भी पतंजलि
पतंजलि के लोगो का फाइल फोटो 


पतंजलि के लोगो का फाइल फोटो 


नई दिल्ली, 29 अप्रैल (हि.स.)। देश की सर्वोच्च न्यायालय की फटकार के बाद उत्तराखंड सरकार से भी पतंजलि को झटका लगा है। उत्तराखंड सरकार की औषधि नियंत्रण विभाग ने योगगुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद की दिव्य फार्मेसी के 14 प्रोडक्ट्स पर बैन लगा दिया है।

उत्तराखंड औषधि नियंत्रण विभाग की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक दिव्य फार्मेंसी की ओर से अपने उत्पादों की प्रभावशीलता के बारे में बार-बार भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए लाइसेंस को सस्पेंड किया गया है। राज्य की लाइसेंस अथॉरिटी ने इस फर्म की खांसी, ब्लड प्रेशर, शुगर, लिवर, गोइटर और आई ड्रॉप के लिए इस्तेमाल की जाने वाली 14 दवाओं के उत्पादन को रोकने का निर्देश जारी किया है। इस आदेश को सभी जिला ड्रग इंस्पेक्टर को भी भेजा गया है।

पतंजलि की दिव्य फार्मेसी के जिन प्रोडक्ट्स पर बैन लगा है उनमें श्वासारि गोल्ड, श्वासारि वटी, दिव्य ब्रोंकोम, श्वासारि प्रवाही, श्वासारि अवलेह, मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, लिपिडोम, बीपी ग्रिट, मधुग्रिट, मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर, लिवामृत एडवांस, लिवोग्रिट, आईग्रिट गोल्ड और पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप शामिल है। दरअसल दिव्य फार्मेसी पतंजलि प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग करती है।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कुछ उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए योगगुरु बाबा रामदेव से सार्वजनिक माफी मांगने वाला विज्ञापन छपवाने को कहा था। अब सुप्रीम कोर्ट 30 अप्रैल को पतंजलि के मामले की सुनवाई करेगी, ताकि यह तय किया जा सके कि बाबा रामदेव के खिलाफ अवमानना का आरोप लगाया जाए या नहीं।

हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर/आकाश