दसवीं के फर्जी दस्तावेज से बना नम्बरदार, तीन साल की नौकरी, एफआईआर
शिमला, 27 अप्रैल (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में जाली प्रमाणपत्र से डाक विभाग में ग्रामीण डाक सेवक की नौक
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शिमला, 27 अप्रैल (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में जाली प्रमाणपत्र से डाक विभाग में ग्रामीण डाक सेवक की नौकरी के मामले सामने आने के बाद अब पुलिस ने फर्जी दस्तावेज से नम्बरदार की नौकरी हासिल करने का एक मामला पकड़ा है। इस सिलसिले में पुलिस ने शिमला के सुन्नी थाना क्षेत्र में एक युवक के ख़िलाफ़ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। आरोपित शेर सिंह पुत्र धनीराम तहसील सुन्नी (शिमला) के देवला गांव का रहने वाला है।

मामले के अनुसार आरोपित एनआईओएस से दसवीं के फ़र्ज़ी प्रमाणपत्र से नम्बरदार के पद पर लगा और तीन साल तक नौकरी करता रहा। देवला गांव के ही रहने वाले राकेश वर्मा ने आरोपित की फर्जी दस्तावेज से नौकरी हड़पने की शिकायत की है।

उन्होंने शिकायत में आरोप लगाया है कि शेर सिंह निवासी देवला ने वर्ष 2019 में नंबरदारी सर्कल देवला में नंबरदार का पद प्राप्त करने के लिए अप्रैल 2007 के महीने में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) से जारी जाली मैट्रिकुलेशन प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया है। जिसके आधार पर शेर सिंह ने नंबरदारी का पद ग्रहण किया और लगभग 3 वर्षों तक इस पद पर कार्यरत रहा। अपने पद के बदले में उसने अनुचित लाभ प्राप्त किया।

एसपी शिमला संजीव गांधी ने शनिवार को बताया कि शिकायत के आधार पर आरोपित के विरुद्ध सुन्नी पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 420, 465, 468 व 471 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।

हिन्दुस्थान समाचार/उज्ज्वल/सुनील