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-नये सिरे से न्यायिक सिद्धांतों का पालन कर निर्णय लेने का निर्देश
प्रयागराज, 27 अप्रैल (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन कर प्रमुख सचिव आयुष विभाग के आदेश को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है और वापस करते हुए नए सिरे से सुनवाई कर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज अलीगढ़ में प्राचार्य रहे डॉ योगेंद्र सिंह माहुर की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याची के विरुद्ध शिकायत पर जांच बैठाई गई और उसे 3 जुलाई 2023 को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जिसके बाद याची ने आरोपों का खंडन करते हुए राज्य सरकार के समक्ष अपना पक्ष रखा था। किंतु शासन ने जनवरी 2024 में याची को बड़ा दंड देते हुए दो वेतन वृद्धि पर स्थाई रोक लगा दी थी।
कोर्ट ने कहा कि दंडादेश यंत्रवत एवं कारण रहित है। आदेश देने में न्यायिक विवेक का इस्तेमाल नहीं किया गया है। और याची के पक्ष की पूर्णतया अनदेखी की गई है।सरकार ने याची को दंडित करते समय उत्तर प्रदेश राजकीय कर्मचारी नियमावली एवं नैसर्गिक न्याय के स्थापित नियमों का अतिक्रमण किया है।
हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/राजेश