बंगाल की तीन लोकसभा सीटों पर 71.84 फीसदी वोटिंग, ईवीएम में कैद हुई 47 उम्मीदवारों की किस्मत
कोलकाता, 26 अप्रैल (हि.स.)। देश भर के 13 राज्यों की 88 लोकसभा सीटों के साथ शुक्रवार को दूसरे चरण में
बंगाल की तीन लोकसभा सीटों पर 71.84 फीसदी वोटिंग, ईवीएम में कैद हुई 47 उम्मीदवारों की किस्मत


कोलकाता, 26 अप्रैल (हि.स.)। देश भर के 13 राज्यों की 88 लोकसभा सीटों के साथ शुक्रवार को दूसरे चरण में पश्चिम बंगाल की रायगंज, बालूरघाट और दार्जिलिंग लोकसभा सीट पर शांतिपूर्वक तरीके से वोटिंग हुई है। यहां से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार सहित 47 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है। शाम 5:00 बजे तक राज्य में 71.84 फीसदी वोटिंग हुई है।

बालूरघाट में कई जगहों पर बीजेपी और तृणमूल कार्यकर्ताओं के बीच तकरार के हालात बन गए थे। कई जगह टीएमसी कार्यकर्ताओं पर मतदाताओं को धमकाने के आरोप लगे लेकिन कहीं से हिंसा की कोई खबर नहीं मिली। उत्तरी दिनाजपुर जिले के रायगंज निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के उम्मीदवार कार्तिक पॉल हैं, जिन्होंने निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा लोकसभा सदस्य देवश्री चौधरी का स्थान लिया है। पॉल के निकटतम प्रतिद्वंद्वी तृणमूल कांग्रेस के कृष्णा कल्याणी और कांग्रेस के अली इमरान रम्ज़ उर्फ विक्टर हैं।

इस बार रायगंज में कुल 20 उम्मीदवार हैं, जिनमें से 19 पुरुष और एक महिला हैं। रायगंज में सबसे अधिक 418 संवेदनशील बूथ थे। दार्जिलिंग में तृणमूल कांग्रेस ने पूर्व नौकरशाह गोपाल लामा, भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद राजू बिष्ट और कांग्रेस ने मुनीष तमांग को मैदान में उतारा है। कर्सियांग विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के मौजूदा विधायक बिष्णु प्रसाद शर्मा को टिकट नहीं मिलने पर वे इस बार दार्जिलिंग से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं।

दार्जिलिंग में इस बार कुल 14 उम्मीदवार हैं, जिनमें से 12 पुरुष और दो महिलाएं हैं। दार्जिलिंग में संवेदनशील बूथों की संख्या 408 है। बालुरघाट में भाजपा के मौजूदा लोकसभा सांसद और राज्य पार्टी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के खिलाफ मुख्य प्रतिद्वंद्वी तृणमूल कांग्रेस के राज्य मंत्री बिप्लब मित्रा और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के जॉयदेब सिद्धांत हैं। इस बार बालुरघाट में कुल 13 उम्मीदवार हैं और सभी पुरुष हैं। दार्जिलिंग में संवेदनशील बूथों की संख्या 308 है।

पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के रिकॉर्ड के अनुसार वर्तमान में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 299 कंपनियां पश्चिम बंगाल में हैं, जिनमें से 272 कंपनियां शुक्रवार को तीन निर्वाचन क्षेत्रों के लिए तैनात रहीं। बाकी को रिजर्व में रखा गया था। 12 हजार 983 राज्य पुलिस कर्मियों की भी तैनाती हुई थी। रायगंज में सीएपीएफ की सबसे अधिक 111 कंपनियों की तैनाती थी, इसके बाद दार्जिलिंग में 88 कंपनियों और बालुरघाट में 73 कंपनियों की तैनाती रहीं। मतदान शुक्रवार सुबह सात बजे शुरू हुआ, जो शाम छह बजे तक चला है।

हिन्दुस्थान समाचार/ओम प्रकाश/सुनीत