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- रक्षा मंत्रियों की बैठक में ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ का समर्थन
- एससीओ क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता
नई दिल्ली, 26 अप्रैल (हि.स.)। रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने कजाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में आतंकवाद के प्रति जीरो-टॉलरेंस दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया है। अस्ताना में शुक्रवार को बैठक के दौरान सभी एससीओ सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों ने एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए। बैठक के बाद एससीओ के रक्षा मंत्रियों ने अन्य पहलों के अलावा ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के विचार को विकसित करने पर सहमति जताई, जो ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के प्राचीन भारतीय दर्शन का परिचायक है।
बैठक में रक्षा सचिव ने एससीओ क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखने के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने एससीओ सदस्य देशों की समृद्धि और विकास के लिए आतंकवाद के सभी रूपों के प्रति जीरो-टॉलरेंस दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। अरमाने ने संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन के भारत के लंबे समय से चले आ रहे प्रस्ताव का उल्लेख किया।
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर प्रकाश डालते हुए गिरिधर अरमाने ने संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन के लिए भारत के दबाव पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत एससीओ क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए दृढ़ है। अस्ताना में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने स्थिरता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के सागर- 'सभी के लिए सुरक्षा और विकास' के दृष्टिकोण को रेखांकित किया।
रक्षा सचिव रक्षा मंत्रियों के साथ पौधरोपण समारोह में शामिल हुए, जो पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इसके अतिरिक्त बैठक के दौरान सभी एससीओ सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों ने एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए। बैठक के बाद एक साझा बयान में भारत के ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के प्राचीन दर्शन को प्रतिबिंबित करते हुए ‘एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य’ के विकास सहित प्रमुख समझौतों पर प्रकाश डाला गया।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत निगम